भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जहां एक ओर आर्थिक तंगी और महंगाई की मार झेल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ देश पर विदेशी कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही कमी पाकिस्तान सरकार को परेशान कर रही है. पाकिस्तान में आर्थिक संकट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार विदेशी मुद्रा भंडार की कमी को पूरा करने के लिए विदेशी संपत्ति बेचने को तैयार है.
इसी बीच अफगानी तालिबान जनरल ने पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट पर तंज कसा है. अफगानी जनरल मोबीन खान ने पाकिस्तान में आर्थिक संकट और महंगाई पर चुटकी लेते हुए कहा है कि पाकिस्तान और उसकी सरकार को अफगानिस्तान पर ध्यान देने के बजाय अपने देश की गरीबी, महंगाई से त्रस्त जनता पर ध्यान देना चाहिए.
तालिबान ने इससे पहले भी पाकिस्तान पर तंज कसते हुए पाकिस्तानी सेना कमांडर के सरेंडर दस्तावेज दस्तखत करते हुए तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा था कि अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमला करता है तो उसका अंजाम 1971 युद्ध की तरह ही होगा.
तालिबान ने पाकिस्तान का फिर उड़ाया मजाक
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अफगानी तालिबान शाहबाज शरीफ की सरकार पर उसके आर्थिक संकट और पाकिस्तान की बदहाली पर मजा लेते दिख रहा है. इस वीडियो में तालिबानी जनरल ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर भी तंज कसा है.
तालिबानी जनरल मोबीन खान पाकिस्तान को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल न देने की नसीहत देते हुए कहता है, "ओ बाबा जी! आप अपने मुल्क को संभालो, अपने देश की समस्याओं पर ध्यान दो और आईएमएफ (IMF) के कर्ज और गुलामी से देश को बाहर निकालो, तुम हमारी क्या मदद करोगे? यहां (अफगानिस्तान में) 10 किलो घी (वनस्पति घी) 500 रुपए में वहां (पाकिस्तान में) 2000 रुपए में मिल रहा है, अपने मुल्क को संभालो.”
जनरल मोबीन तालिबान का कमांडर और सोशल मीडिया टीम का प्रमुख भी है. मोबीन तालिबान शासन में आंतरिक मंत्री के छोटे भाई और हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख अनस हक्कानी का करीबी माना जाता है.
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
मोबीन खान के वीडियो को SAMRI (साउथ एशिया मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है, "पाकिस्तान के विदेश मंत्री @BBhuttoZardari एक इंटरसेक्स व्यक्ति हैं और वह अफगानिस्तान के लिए बोलने के बजाय अपनी मां के हत्यारों को ढूंढ़ें तो बेहतर होगा."
वीडियो में तालिबानी जनरल कमांडर पाकिस्तानी राजनेताओं पर पाकिस्तानी जनता के पैसे लूटने का आरोप लगाते हुए कहता है, "आवाम की खाल उतार दी आपने. आवाम का पैसा लूटकर लंदन और यूरोप में प्रॉपर्टी बनाई है, अपार्टमेंट्स बनवाए हैं. आवाम का पैसा चोरी किया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर निशाना साधते हुए तालिबानी जनरल आगे कहता है कि वो (बिलावल भुट्टो) अफगानिस्तान की वकालत करता है, क्यों अफगानिस्तान के लोग यतीम (अनाथ) हैं?, अपने मां-बाप के कातिलों को ढूंढों. किसने मरवाया है और किस वजह से हत्या हुई? अपनी जिंदगी पर फोकस करो. अपने मुल्क के संकट पर फोकस करो"
1971 में भारत से मिली करारी हार पर तालिबान उड़ा चुका है पाकिस्तान का मजाक
पाकिस्तान में टीटीपी के लगातार आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने धमकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान टीटीपी के ठिकानों पर मिलिट्री ऑपरेशन चला सकता है जिसके बाद तालिबानी सदस्य अहमद यासिर ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए भारत के सामने पाकिस्तान के 1971 में सरेंडर करने की तस्वीर को साझा करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसने हमला किया तो ऐसा ही हाल होगा.
महंगाई से त्रस्त पाकिस्तान
पाकिस्तान में चरमराती अर्थव्यवस्था और सिर उठाता आतंकवाद पाकिस्तान के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. पाकिस्तान में आर्थिक संकट इतना गंभीर हो चुका है कि इससे निपटने के लिए राजधानी इस्लामाबाद में एनएससी (राष्ट्रीय सुरक्षा समिति) समेत पाकिस्तानी मिलिट्री लीडरशिप ने एक सप्ताह के अंदर दो से ज्यादा बार इस पर चर्चा की है.
देश में आर्थिक संकट को पाकिस्तान सरकार ने भी कबूला है. पाक रक्षा मंत्री ने कहा है कि देश नाजुक स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल हो, खाने-पीने के सामान हों या फिर रसोई गैस या बिजली हर चीज आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है.
पाकिस्तान में महंगाई का आलम यह है कि दिसंबर 2022 में महंगाई दर बढ़कर 24.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 59.37 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि कुल देनदारी 23 फीसदी बढ़कर 3.56 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
टीटीपी और पाकिस्तान में बढ़ता तनाव
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवाद का एक बड़ा मुद्दा आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) है. टीटीपी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक सक्रिय आतंकी संगठन है जो लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहा है. टीटीपी ने हाल ही में शहबाज शरीफ सरकार से चल रही वार्ता और युद्धविराम समाप्त कर पूरे पाकिस्तान पर हमला करने का एलान किया था.
पिछले महीने भी टीटीपी ने बन्नू कैंट में कई लोगों को बंधक बना लिया था. इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और सेना के जवान भी शामिल थे. तीन दिन तक चले ऑपरेशन के बाद इन्हें छुड़ाया गया था. पाकिस्तान के अधिकारियों का आरोप है कि अफगानी तालिबान टीटीपी का इस्तेमाल पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है ताकि उससे वह अधिक से अधिक रियायतें हासिल कर सके.
पाकिस्तान का दांव उल्टा पड़ा
अफगानिस्तान की सत्ता पर 15 अगस्त 2021 को जब तालिबान ने कब्जा किया था, उस वक्त पाकिस्तान की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी. माना जाता है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की रूपरेखा तय करवाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनमेंट जनरल फैज हमीद रातों-रात काबुल पहुंच गए थे. तालिबान के नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान चाय की चुस्की लेते हुए उनकी तस्वीर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.