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लाख दावों के बाद भी नहीं सुधरा तालिबान, शख्स के शव को क्रेन से चौराहे पर लटकाया

सरकार का गठन किए हुए ज्यादा समय भी नहीं बीता है कि तालिबान की असलियत सामने आने लगी है. अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेरात शहर में तालिबान ने एक डेड बॉडी (Dead Body) को क्रेन से लटका (Hang) दिया.

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तालिबानी लड़ाके
तालिबानी लड़ाके
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान ने शख्स के शव को चौराहे से लटकाया
  • किडनैपिंग के मामले में पुलिस ने शख्स को मार गिराया था
  • अफगानिस्तान के हेरात शहर का मामला

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban Government) ने जब सरकार का गठन किया, तब तरह-तरह के दावे किए. कट्टर संगठन ने कहा कि वह अब पहले जैसा नहीं रहा और महिलाओं समेत अन्य नागरिकों को उनके अधिकार दिए जाएंगे. हालांकि, सरकार का गठन किए हुए ज्यादा समय भी नहीं बीता है कि तालिबान की असलियत सामने आने लगी है. अफगानिस्तान (Afghanistan) के हेरात शहर में तालिबान ने एक डेड बॉडी (Dead Body) को क्रेन से लटका (Hang) दिया. इस घटना की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने शनिवार को बताया कि शख्स की डेड बॉडी को शहर के मुख्य चौराहे पर लटकाकर रखा गया था. 

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लोगों की आजादी को लेकर उनके अधिकार छीनने के बाद तालिबान अब लोगों के शवों के साथ भी क्रूर व्यवहार कर रहा है. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, हेरात शहर के मुख्य चौराहे पर फार्मेसी चलाने वाले वजीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि चौराहे पर लटकाने के लिए कुल चार लोगों के शव लेकर आए गए थे. हालांकि, तालिबान ने एक शव को ही वहां क्रेन से लटकाया और बाकी के तीन शव शहर के दूसरे चौराहों पर लटकाने के लिए ले गए.

सिद्दीकी ने दावा किया कि शवों को अपने साथ लाने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने ऐलान किया इन चार लोगों ने किडनैपिंग की थी, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें मार गिराया. इसके बाद तालिबान के लड़ाके उन शवों को अपने साथ लेकर चौराहे पर आ गए. इससे पहले, मुल्लाह नूरुद्दीन तुराबी ने भी हाल ही में कहा था कि किसी घटना के बाद हाथों को काटना और उन्हें फांसी पर लटकाने का नियम खत्म नहीं किया जाएगा. हालांकि, यह हो सकता है कि अब सार्वजनिक जगहों पर ऐसा न किया जाए.

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पिछले महीने अफगानिस्तान पर तालिबान ने किया था कब्जा

अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सेना के जाने के दौरान ही तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से सत्ता परिवर्तन हुआ और फिर सितंबर महीने में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का गठन भी कर लिया. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है, जबकि वैश्विक आतंकवादी हक्कानी को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. 

चीन-पाक जैसे देशों का खुला समर्थन

तालिबान सरकार के गठन के बाद चीन, पाकिस्तान, रूस जैसे देशों से उसे समर्थन मिला है. वहीं, भारत और अमेरिका जैसे देश वेट एंड वॉच जैसी पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. हालांकि, दोनों ही देशों ने तालिबान सरकार से दो टूक कहा है कि अफगानिस्तान की धरती का किसी तीसरे देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. पूरी दुनिया की अब इस पर नजर है कि तालिबान अपने 1990 के दशक वाले नियमों में कुछ बदलाव करता है या फिर उसके दावे पूरी तरह से झूठे साबित होते हैं.

 

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