अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार 6 महीने तक काम करेगी और उसके बाद आधिकारिक सरकार का ऐलान किया जाएगा. जो नई सरकार बनेगी उसमें सभी तबकों को जगह मिलेगी और मतदान के आधार पर इसका चयन किया जाएगा.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 33 सदस्यों की नई सरकार का जो ऐलान हुआ है, वह 6 महीने तक के लिए है. लेकिन इसके बाद जो नई सरकार आएगी उसका चयन वोट के आधार पर होगा और हर किसी को उसमें मौका मिलेगा.
अंतरिम सरकार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी पश्तून समाज की है, ऐसे में अलग-अलग गुटों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस सरकार का मान्यता ना देने को कहा है.
गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान को अंतरिम सरकार बनाने में तीन हफ्ते से अधिक का वक्त लग गया. इस सरकार की अगुवाई मुल्ला हसन अखुंद कर रहा है, जबकि दो उपप्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं. कुल 33 मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें आधे से अधिक संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की लिस्ट में शामिल है.
अंतरिम सरकार को लेकर तालिबान का तर्क है कि अभी पूरा फोकस अफगानिस्तान में हालात को वापस पहले जैसा करने पर है. तालिबान ने लोगों से अपने काम पर लौटने की अपील की है, कई जगह बैंक-एटीएम पर लगातार अब भीड़ भी देखी जा रही है.
तालिबान ने किया था महिलाओं को शामिल करने का वादा...
अंतरिम सरकार बनाने से पहले तालिबान ने दावा किया था कि वह हर तबके को अपनी सरकार में जगह देगा. महिलाओं को भी सरकार में शामिल किया जाएगा, लेकिन जब कैबिनेट का ऐलान हुआ तब ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इससे इतर तालिबान के लड़ाकों द्वारा काबुल समेत अन्य इलाकों में महिलाओं को निशाना बनाया गया.