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अफगानिस्तान: तालिबान के दो गुटों में क्रेडिट की जंग, हक्कानी ग्रुप और मुल्ला बरादर आमने-सामने!

तालिबान के दो गुटों में क्रेडिट वॉर चल रही है. अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद अभी बहस इस बात पर चल रही है कि अमेरिका को वापस भेजने में किसकी भूमिका बड़ी है.

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मुल्ला बरादर और हक्कानी ग्रुप में हो रही है बहस (फाइल)
मुल्ला बरादर और हक्कानी ग्रुप में हो रही है बहस (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान के दो गुट आमने-सामने
  • अमेरिका को वापस भेजने के क्रेडिट की जंग

अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद तालिबान के दो गुटों में झगड़ा बढ़ता जा रहा है. तालिबान के अलग-अलग गुटों के समर्थकों में राष्ट्रपति पैलेस में ही झगड़ा हुआ, जिसके बाद बड़े लीडर्स को मामला शांत करवाना पड़ा. ये तब हुआ है जब हाल ही में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान किया है. 

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बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान के दो गुटों में इस बात पर बहस हुई थी कि अमेरिका को वापस भेजने में किसका अहम रोल था और कैबिनेट का बंटवारा किस तरह होगा. 

हालांकि, तालिबान की ओर से इस रिपोर्ट का खंडन किया गया है. लेकिन तालिबान के दो गुटों में मतभेद की ये खबरें तब सामने आई है जब तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर लंबे वक्त से गायब दिख रहा है. यहां तक कि तालिबान को सफाई देनी पड़ी है कि मुल्ला बरादर ठीक है.

जीत का क्रेडिट किसको?

बीबीसी का दावा है कि तालिबान के मुल्ला बरादर और खलील-उर-रहमान हक्कानी के बीच तीखी बहस हुई थी, इसके बाद दोनों के समर्थकों में भी विवाद हुआ था. दावा किया गया है कि ये बहस पिछले हफ्ते ही हुई थी.

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रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम सरकार का गठन जिस तरह से किया गया है उससे मुल्ला बरादर नाखुश था. साथ ही तालिबान के किस गुट को अमेरिका पर जीत हासिल करने का क्रेडिट मिले, इसपर भी बहस थी.

गौरतलब है कि मुल्ला बरादर ने बीते लंबे वक्त से दोहा में लगातार बातचीत का मोर्चा संभाला था, जहां अमेरिका समेत अन्य देशों से चर्चा की गई. वहीं हक्कानी ग्रुप पूरी तरह से अफगानिस्तान के अलग-अलग इलाकों में मोर्चा संभालकर अफगान आर्मी से मुकाबला कर रहा था.

ऐसा पहली बार नहीं है जब तालिबान के बीच मतभेद की बात सामने आई हो. सरकार गठन से पहले भी तालिबान के दोनों गुट आमने-सामने थे, जहां कैबिनेट में जगह को लेकर बवाल हुआ था. 

 

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