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भारत के साथ अफगानिस्तान के आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते बरकरार रखना चाहते हैं: तालिबानी नेता स्टेनकजई

तालिबान की ओर से एक बार फिर बयान दिया गया है कि वह भारत के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को बरकरार रखना चाहता है. तालिबान के सीनियर लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने ये बयान दिया है.

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Talibani Leader Sher Mohammad Abbas Stanekzai (Photo: Reuters)
Talibani Leader Sher Mohammad Abbas Stanekzai (Photo: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत के साथ आर्थिक-राजनीतिक रिश्ते चाहता है तालिबान
  • पहले भी तालिबान की ओर से दिया गया था बयान
  • भारत ने अभी अपनी रणनीति नहीं की है जाहिर

अफगानिस्तान (Afghanistan) की नई स्थिति को लेकर भारत सरकार (Indian Government) ने अभी अपनी रणनीति पूरी तरह से जाहिर नहीं की है. लेकिन तालिबान की ओर से एक बार फिर बयान दिया गया है कि वह भारत के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को बरकरार रखना चाहता है. तालिबान के सीनियर लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई (Sher Mohammad Abbas Stanekzai) ने ये बयान दिया है. 

शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) की सरकार बनाने के लिए कई लोगों से बात चल रही है, अलग-अलग तबकों के लोगों के संपर्क किया जा रहा है. भारत को लेकर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने कहा कि हम भारत के साथ ट्रेड, आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते बरकरार रखना चाहते हैं, हम इन रिश्तों को काफी महत्व देते हैं.

भारत-अफगानिस्तान के बीच एयर कॉरिडोर को लेकर हुए सवाल को लेकर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने ये बयान दिया. तालिबानी नेता ने कहा कि भारत इस क्षेत्र का एक अहम देश है, इसलिए वह उसके साथ संबंध बरकरार रखना चाहते हैं.

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भारत का फोकस अपने लोगों को निकालने पर

आपको बता दें कि भारत की ओर से अभी तक अफगानिस्तान में तालिबानी शासन को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. हालांकि, भारत लगातार स्थिति पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं लेकिन अभी फोकस वहां से अपने लोगों को सुरक्षित निकालने पर है. 

भारत ने तालिबान-अफगानिस्तान के मसले पर अपने देश में सर्वदलीय बैठक भी की है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में बीते दिनों सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी अहम राजनीतिक दलों को इस स्थिति पर पूरी जानकारी मुहैया कराई गई. 

गौरतलब है कि अफगानिस्तान और भारत का लंबे वक्त से साथ रहा है. भारत वहां पर करीब 500 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनमें 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश है. तालिबान की ओर से पहले भी बयान दिया गया था कि भारत अपने प्रोजेक्ट्स पर काम जारी रख सकता है, साथ ही अपनी एम्बेसी में काम कर सकता है. 

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