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वॉलीबॉल खेल रहे पाक सैनिकों पर तालिबान का हमला, 11 की मौत, 13 घायल

बताया जा रहा है कि तालिबान का आत्माती हमलावर स्वात घाटी में अति सुरक्षित और प्रतिबंधित इलाके में किसी तरह घुस गया. घटना के समय इस इलाके में पुलिस के जवान वॉलीबॉल खेल रहे थे. इसलिए उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला और हताहतों की संख्या ज्यादा रही.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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पाकिस्तान के पेशावर में तलिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर कम से कम 11 सैनिकों की जान ले ली और 13 को घायल कर दिया. पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर इलाके की स्वात घाटी में 2013 के बाद से यह सबसे बड़ा हमला है.

बताया जा रहा है कि हमलावर अति सुरक्षित और प्रतिबंधित इलाके में किसी तरह घुस गया. घटना के समय इस इलाके में पुलिस के जवान वॉलीबॉल खेल रहे थे. इसलिए उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला और हताहतों की संख्या ज्यादा रही.

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार को आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षा बलों की यूनिट के स्पोर्ट्स एरिया को अपना निशाना बनाया. उन्होंने बताया है कि मरने वालों में पाक सेना का एक कैप्टन भी है. स्वात जिले की काबल तहसील में हुए धमाके में 13 लोग घायल हो गए थे. यहां पर सुरक्षाकर्मी अपने बेस कैंप के बाहर एक वॉलीबॉल मैच खेल रहे थे.

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समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस धमाके के कुछ ही देर बाद अफगानिस्तान स्थित पाकिस्तान-तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली थी. तहरीक-ए-तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद खुरसानी ने दावा किया कि उनके एक युवा आत्मघाती हमलावर सिदिकुल्लाह ने इस हमले को अंजाम दिया. अब सुरक्षा बल इस इलाके का घेराव करके जांच अभियान चला रहे हैं.

तालिबान ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में इस तरह के और भी हमलों को अंजाम दिया जाएगा. इससे पहले स्वात घाटी में जनवरी 2013 में बड़ा हमला हुआ था. तब तालिबान ने एक धार्मिक स्थल पर हमला करके 21 लोगों की जान ले ली थी और 70 लोग घायल हो गए थे.

पाक पीएम शाहिद खाकान अब्बासी ने तालिबान के ताजा हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि आतंकियों के कायराना हमले के बावजूद उनके खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और आखिरी आतंकी के सफाये तक चैन की सांस नहीं ली जाएगी. पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रमुख नवाज शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने भी इस हमले की निंदा की है.

आपको बता दें कि पाकिस्तान के इस इलाके में 2007 से 2009 तक तालिबान काफी मजबूत रहा और इस दौरान यहां कई बड़े हमले भी देखने को मिले. बाद में बड़े सैन्य अभियान के बाद यहां से तालिबान का असर कुछ कम किया जा सका.

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