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तीन महीने से तालिबान की कैद में हैं 3 ब्रिटिश नागरिक

अफगानिस्तान में तालिबान ने तीन ब्रिटिश नागरिकों को पिछले तीन महीने से अपने कब्जे में रखा है. तीनों नागरिकों को छुड़ाने के लिए ब्रिटिश सरकार और एनजीओ लगातार जुटे हुए हैं. अभी तक तालिबान द्वारा इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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तालिबान की कैद में हैं तीन ब्रिटिश नागरिक (प्रतीकात्मक तस्वीर)
तालिबान की कैद में हैं तीन ब्रिटिश नागरिक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अफगानिस्तान में तालिबान की सीक्रेट पुलिस ने तीन ब्रिटिश नागिरिकों को अपने कब्जे में रखा हुआ है. जिन लोगों को हिरासत में लिया है उनमें एक चैरिटी वर्कर और एक 'डेंजर टूरिस्ट' शामिल हैं. ब्रिटेन के अधिकारी कूटनीतिक रूप से तीनों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर उनकी सुरक्षित रिहाई की कोशिश कर रहे हैं. ब्रिटिश सरकार उनके परिजनों का भी ध्यान दे रही है. 

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रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान की सीक्रेट पुलिस यूनिट ने 53 वर्षीय केविन कॉर्नवेल और काबुल में सहायताकर्मियों के लिए काम करने वाले एक अन्य ब्रिटिश नागरिक को जनवरी में हिरासत में लिया था. तीसरे नागरिक की पहचान माइल्स रूटलेज (डेंजर टूरिस्ट) के रूप में हुई है जो जो "छुट्टी" मनाने के लिए अफगानिस्तान गया था और उसे हिरासत में ले लिया गया. यह वहीं नागरिक है जिसे दो साल पहले ब्रिटेन के सुरक्षा बलों ने सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान से रेस्क्यू किया था. उस समय अफगानिस्तान में अशरफ गनी सत्ता से बेदखल हुए थे और तालिबान द्वारा वहां की सत्ता पर कब्जा कर लिया गया था. 

यूके सरकार की कार्रवाई
ब्रिटेन के फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलेपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) ने पुष्टि की है कि वह ब्रिटिश नागरिकों के साथ संपर्क साधने का प्रयास कर रहा है. द गार्जियन ने एफसीडीओ के एक अधिकारी के हवाले से बताया, 'हम अफगानिस्तान में हिरासत में लिए गए ब्रिटिश नागरिकों के साथ कांसुलर संपर्क साधने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं और हम उनके परिवारों की भी मदद कर रहे हैं.'

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तीन महीने पहले किया अगवा

'द मेल' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 जनवरी को तालिबान के जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) के अधिकारियों द्वारा छापे के दौरान कॉर्नवेल नाम के नागरिक को गिरफ्तार किया गया था. उस पर दरिया विलेज होटल में अपने किराए के कमरे में अवैध हथियार रखने का आरोप लगाया गया था. इस दौरान होटल के ब्रिटिश नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया था.

बताया गया है कि दोनों लोगों को जीडीआई द्वारा संचालित विदेशी नागरिकों की यूनिट में रखा गया है. उनकी गिरफ्तारी भी नहीं दिखाई गई है और उन्हें किसी तरह के कानूनी मदद देने से भी वंचित रखा गया है. एक ब्रिटिश गैर-लाभकारी संगठन द्वारा उनके परिवारों की मदद की जा रही है.

एनजीओ का बयान
ब्रिटिश एनजीओ के वार्ताकार स्कॉट रिचर्ड्स ने बताया कि तालिबान का जीडीआई शायद किसी टिप पर काम कर रहा होगा. उन्होंने यह भी यह भी बताया कि कॉर्नेवल के कमरे को तालिबान द्वारा जारी लाइसेंस वाला हथियार मिला था और हथियार को कभी भी तिजोरी से बाहर नहीं निकाला गया था और न ही इसे बाहर ले जाया गया था. रिचर्ड्स ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में कानूनी प्रक्रिया पर कोई स्पष्टता नहीं है.

 

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