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भारतीय समुद्र से अमेरिकी शिप गुजरने पर इंडिया ने जताई आपत्ति, लेकिन जारी है US नेवी का बड़बोलापन

विदेश मंत्रालय ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा है कि ''यूएसएस जॉन पॉल जोन्स शिप द्वारा फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक लगातार निगरानी की जा रही है. हमने कूटनीतिक माध्यम से अपने इकोनोमिक जोन से गुजरने वाले इस शिप को लेकर अमेरिकी सरकार से अपनी चिंता दर्ज करा दी है.

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(Image for representation: Twitter/@USNavy)
(Image for representation: Twitter/@USNavy)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय EEZ क्षेत्र से अमेरिकी शिप के गुजरने पर विवाद
  • भारत ने कूटनीतिक माध्यम से दर्ज कराई शिकायत
  • अमेरिकी नेवी ने कहा- सब कुछ नियम मुताबिक है

एक अमेरिकी शिप के भारतीय समुद्री क्षेत्र से गुजरने पर दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. भारत ने अमेरिकी शिप यूएसएस जॉन पॉल जोन्स के भारतीय EEZ क्षेत्र से गुजरने पर आपत्ति जाहिर की है. भारत ने नई दिल्ली और अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन दोनों ही जगहों पर अमेरिकी शिप के बिना पूर्व अनुमति के भारतीय EEZ क्षेत्र से गुजरने की शिकायत दर्ज कराई है. भारत ने ये शिकायत डिप्लोमेटिक माध्यमों से दर्ज कराई है.

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भारतीय विदेशी मामलों के मंत्रालय ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा है कि ''यूएसएस जॉन पॉल जोन्स द्वारा फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक लगातार निगरानी की जा रही है. हमने कूटनीतिक माध्यम से अपने इकोनोमिक जोन से गुजरने वाले इस शिप के मार्ग को लेकर अमेरिकी सरकार से अपनी चिंता दर्ज करा दी है.

इस मामले को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के एक पुराने कन्वेंशन का भी जिक्र किया गया है. इस कन्वेंशन को यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) कहते हैं, जिसके अनुसार अगर किसी दूसरे देश का वाहन किसी दूसरे देश के क्षेत्र में आने वाले समुद्री क्षेत्र से गुजरेगा तो उसे इससे पहले उस देश की अनुमति लेनी पड़ेगी. लेकिन अमेरिका इस मामले पर अलग सुर अलाप रहा है.

इस मामले पर अमेरिकी नेवी ने अपना बचाव शुरू कर दिया है. अमेरिकी नेवी ने कहा है कि वो बिना पूर्व अनुमति के एक सामान्य ऑपरेशन के लिए साधारण संचालन कर रहे थे, जोकि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत ही है. अमेरिकी नेवी के प्रवक्ता ने शुक्रवार के दिन कहा कि ''ये अंतराष्ट्रीय कानून के तहत है और हम अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए इसे जारी रखेंगे.

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