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जी-20 सम्मेलन में मोदी का एजेंडा होगा आतंकवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल से शुरू हो रहे जी-20 सम्मेलन में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और काले धन का पता लगाने के संबंध में वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दे उठा सकते हैं. इस वार्ता में पेरिस हमले और सीरिया में युद्ध के मुद्दे हावी रहेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल से शुरू हो रहे जी-20 सम्मेलन में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और काले धन का पता लगाने के संबंध में वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दे उठा सकते हैं. इस वार्ता में पेरिस हमले और सीरिया में युद्ध के मुद्दे हावी रहेंगे.

विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं का यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जबकि वैश्विक अर्थव्यस्था में नरमी आ रही है. सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत अन्य राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे.

पेरिस पर आतंकी हमला प्रमुख मुद्दा
तुर्की के इस रमणीक शहर में विश्व भर के नेताओं के जमावड़े के बीच शुक्रवार की रात पेरिस पर हुआ भयानक आतंकी हमला, पड़ोस स्थित सीरिया में चल रहा युद्ध, क्षेत्र में जारी शरणार्थी संकट और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का मुद्दा प्रमुख होगा.

फ्रांस के राष्ट्रपति फा्रंस्वा ओलोंद जी20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए जाने वाले थे लेकिन उन्होंने हमले के मद्देनजर अपनी यात्रा टाल दी. मेजबान देश 10वें जी20 सम्मेलन में सीरिया में चल रहे संघर्ष और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के विस्थापितों से जुड़े सबसे बड़े संकट पर चर्चा करने के पर दबाव डालता रहा है. मोदी समेत कुछ वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में कोटा सुधार के कार्यान्वयन में देरी पर भी चिंता जता सकते हैं जिसका लक्ष्य है उभरती अर्थव्यवस्था को ज्यादा वजन और मताधिकार प्रदान करना और विदेश से धन हस्तांतरण की लागत में कटौती करना.

इस सप्ताह चीन ने भी आईएमएफ कोटा सुधार के पक्ष में राय दी और कहा कि वह चाहता है जी20 ऋण देने वाली बहुपक्षीय एजेंसी में मताधिकार में सुधार हो ताकि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को बड़ी भूमिका मिले.

मोदी ब्रिटेन की तीन दिन की यात्रा के बाद लंदन से आज रात यहां पहुंचने वाले हैं. वह यहां सम्मेलन के मौके पर जी20 देशों के कुछ नेताओं और आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं. इस मौके पर ब्रिक्स देश - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका- बैठक करेंगे और अपनी दो हालिया पहलों -ब्रिक्स बैंक और आपात कोष व्यवस्था- पर चर्चा करेंगे. जी20 देशों की वैश्विक अर्थव्यवस्था में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इन देशों का वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई योगदान है.

इनपुट- IANS

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