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बोको हराम ने बंधक लड़कियों को कार से कुचला, कुछ को पत्थर मारकर मार डाला

इससे पहले कि नाइजीरिया की सेना आतंकी गुट बोको हराम की कैद से तमाम महिलाओं और लड़कियों को रिहा कर पाती, आतंकियों ने उनकी हत्या करनी शुरू कर दी है. कुछ की पत्थर मारकर हत्या कर दी गई, तो कुछ कार से कुचल दी गईं. वैसे तो सेना ने 700 बंधकों को छुड़ा लिया है.

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रिफ्यूजी कैंप में रिहा कराए गए बंधक. (फोटो-AP)
रिफ्यूजी कैंप में रिहा कराए गए बंधक. (फोटो-AP)

इससे पहले कि नाइजीरिया की सेना आतंकी गुट बोको हराम की कैद से तमाम महिलाओं और लड़कियों को रिहा कर पाती, आतंकियों ने उनकी हत्या करनी शुरू कर दी है. कुछ की पत्थर मारकर हत्या कर दी गई, तो कुछ कार से कुचल दी गईं. वैसे तो सेना ने 700 बंधकों को छुड़ा लिया है. लेकिन जो अब भी आतंकियों के कब्जे में हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन से उनकी जान को खतरा बढ़ गया.

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पत्थर फेंककर मारी जा रही हैं लड़कियां
रिहा कराई गई एक महिला ने आपबीती सुनाते हुए बताया, 'जब ऑपरेशन शुरू हुआ तो आतंकियों ने बंधकों से अपने साथ चलने को कहा. जब हमने उनके साथ जाने से इंकार किया तो उन्होंने हमें पत्थरों से मारना शुरू कर दिया. आतंकियों की पत्थरबाजी में कई लड़कियां और महिलाएं मारी गईं.' हालांकि मरने वाली महिलाओं की संख्या की कोई जानकारी नहीं है.

लैंड माइन विस्फोट में तीन की मौत
एक लड़की ने बताया कि सेना का ऑपरेशन शुरू होने के बाद आतंकी ज्यादा हिंसक हो गए और वह बंधकों को मारने लगे. तब कई लोगों ने भागना शुरू कर दिया और जंगलों में जाकर छुप गए. छुड़ाए गए बंधकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनको राहत शिविरों तक पहुंचाने के लिए सेना की गाड़ियां कम पड़ गईं. ऐसे में कई बंधकों को कई किलोमीटर पैदल चलकर ही वहां तक पहुंचना पड़ा. इसी दौरान वहां बिछीं लैंड माइन ब्लास्ट हो गईं और तीन महिलाओं की मौत हो गई.

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स्कूल से अगवा छात्राओं की जानकारी नहीं.
अप्रैल 2014 में बोको हराम ने चिबुक के स्कूल से 234 लड़कियों को अगवा किया था. सेना के ऑपरेशन में जिन 700 लोगों को छुड़ाए जाने का दावा किया जा रहा है, उनमें स्कूली छात्राएं शामिल हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

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