पाकिस्तान में फरवरी 2024 में आम चुनाव हैं और एक बार फिर चुनावी मुकाबले में आतंकी हाफिज सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) भी मैदान में उतरी है. उसने देशभर में प्रत्येक राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. हाफिज ने अपने बेटे तल्हा सईद को भी उम्मीदवार बनाया है. वो लाहौर से चुनाव लड़ रहा है. इतना ही नहीं, हाफिज से जुड़ा संगठन पाकिस्तान की जनता को बरगलाने के लिए सियासी एजेंडा लेकर भी आया है. उसकी पार्टी चुनाव में इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही है. हालांकि, उसकी बातों और दावों पर भरोसा करने वाले कितने लोग हैं, ये चुनावी नतीजे के बाद साफ हो सकेगा. लेकिन, पाकिस्तान में बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा रोजगार चाहते हैं.
बता दें कि हाफिज मोहम्मद सईद मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे. अमेरिका ने भी उसके संगठन को आतंकी घोषित कर रखा है. यूएस ने उस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. फिलहाल, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (JuD) के कुछ अन्य नेताओं के साथ 2019 से जेल में है. उसे आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी ठहराया गया है. सईद के नेतृत्व वाला JuD लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का फ्रंटल संगठन है, ये 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है.
'इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही हाफिज की पार्टी'
हाफिज का बेटा तल्हा सईद भी पाकिस्तान की राजनीति में उतरा है. वो लाहौर की एनए-127 सीट से चुनाव लड़ रहा है. सईद द्वारा स्थापित पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) पार्टी का कहना है कि यह एक राजनीतिक पार्टी है. पीएमएमएल का चुनाव चिह्न 'कुर्सी' है. PMML की तरफ से चुनावी सभाओं में कहा जा रहा है कि वो देश को एक इस्लामी कल्याणकारी राज्य बनाना चाहते हैं.
'पाकिस्तान को इस्लामिक वेलफेयर स्टेट बनाने का दावा'
एक वीडियो संदेश में PMML के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा, उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने कहा, हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं.
'नवाज के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे सिंधु'
सिंधु भी चुनावी मैदान में हैं. वो लाहौर की NA-130 से कैंडिडेट हैं. वहां से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी चुनाव लड़ रहे हैं. यानी इस सीट पर नवाज और खालिद सिंधु के बीच टक्कर होगी. हालांकि, सिंधु ने सईद के संगठन के साथ अपनी पार्टी के संबंध से इनकार किया है. उन्होंने सोमवार को दावा किया है कि पीएमएमएल को हाफिज सईद का कोई समर्थन नहीं है.
'2018 में भी सईद का संगठन चुनाव लड़ा था'
बता दें कि इससे पहले मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) 2018 के चुनाव में JuD का राजनीतिक चेहरा थी. इसने अधिकांश सीटों पर, खासकर पंजाब प्रांत में अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट जीतने में असफल रही थी. 2024 के चुनावों में MML पर प्रतिबंध के कारण PMML का गठन किया गया है.