फाइनेंस एक्शन टास्क फोर्स यानी (FATF) की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान इसी साल बाहर हुआ था. इसके बाद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने पाकिस्तान में फंड जुटाने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाया है. आतंकी संगठन नई मस्जिदों के निर्माण के नाम पर फंड की मांग कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक एक मस्जिद के लिए 1 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) का टारगेट रखा गया है. खुफिया जानकारी के मुताबिक प्रति वर्ग फुट 1800 पीकेआर और हर मस्जिद की प्रेयर कारपेट के लिए 16 हजार पीकेआर का अनुमान लगाया गया है.
1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण. 2001 में भारतीय संसद पर अटैक, 2016 में पठानकोट बेस पर हमले समेत भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने अपने सालाना फंड कलेक्शन ऑपरेशन को बड़े स्तर पर चलाने की तैयारी कर रहा है.
आजतक की टीम ने एक तकनीकी विशेषज्ञ के साथ मिलकर पेशावर में फंड एकत्र करने वाले JeM के ऑपरेटिव के साथ बातचीत की. इस ऑपरेटिव ने खुद की पहचान इमरान के तौर पर बताई. उसने कहा कि आतंकी संगठन पूरे पाकिस्तान में इस तरह की गतिविधियां चला रहा था.
ऑपरेटिव इमरान ने बताया कि हम फंड कलेक्शन के लिए पेशावर समेत पूरे पाकिस्तान में अभियान चला रहे हैं. उनसे बताया कि आतंकी संगठन की ओर से फंड कलेक्शन के लिए सोशल मीडिया का प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराया गया था. इसमें कई मस्जिदों की फोटो भी शेयर की गई हैं.
वहीं, पाकिस्तान के प्रमुख इस्लामिक बैंकों में से एक मीज़ान बैंक के एकाउंट नंबर को पेशावर स्थित ऑपरेटिव द्वारा शेयर किया गया था. साथ ही बताया गया है कि लोग इस नंबर पर फंड दान कर सकते हैं.
इस मामले में रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने कहा कि भारत विरोधी आतंकवादी तत्वों पर पाकिस्तान की नीति में बदलाव की बहुत कम संभावना है. उन्होंने कहा कि उनकी शैली में बदलाव हो सकता है. रणनीतियों में कुछ मामूली बदलाव किए जा सकते हैं, लेकिन बड़ी रणनीति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है.
इंडिया टुडे की जांच से पता चलता है कि एफएटीएफ ग्रे सूची से बाहर निकलने के कुछ हफ्तों बाद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद सक्रिय रूप से पाकिस्तान में धन इकट्ठा कर रहा था.
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की टिप्पणी का जवाब देते हुए आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये पर कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि दुनिया जिसे गलत मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठता.
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