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थाईलैंड का ऐतिहासिक समलैंगिक विवाह समानता कानून गुरुवार को लागू हो गया. इसी के साथ ही थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला देश और ताइवान, नेपाल के बाद एशिया का तीसरा देश बन गया है जिसने समलैंगिक जोड़ों के विवाह को वैध बना दिया है.
अब थाईलैंड में 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी LGBTQ जोड़ा, चाहे वह थाईलैंड का हो या किसी अन्य देश का- थाईलैंड में विवाह कर सकता है.
थाईलैंड में अब समलैंगिकों को भी वो सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे जो विषमलैंगिकों को मिलते हैं. इसमें सगाई, शादी का रजिस्ट्रेशन, तलाक, अपने जीवनसाथी के अंतिम नाम का इस्तेमाल, संपत्ति का ज्वाइंट मैनेजमेंट, टैक्स लाभ, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, गोद लेने और उत्तराधिकार शामिल हैं.
थाईलैंड के अलावा दुनिया में करीब तीन दर्जन देश ऐसे हैं जिन्होंने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है. ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, आयरलैंड, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी है.
लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिक विवाह या फिर समलैंगिक संबंधों को अपराध माना जाता है और कई मामलों में इस 'अपराध' के लिए फांसी की सजा दी जाती है. इनमें अधिकांश इस्लामिक देश हैं जहां शरिया कानून लागू है.
देश जहां समलैंगिकता है महापाप
यमन- मुस्लिम देश यमन में समलैंगिक शादी तो दूर, अगर किसी ने समलैंगिक संबंध भी रखा तो उसे अपराध मानकर सजा दी जाती है. यमनी कानून की दंड संहिता 1994 के मुताबिक, अगर कोई शादीशुदा पुरुष समलैंगिक संबंध बनाता है तो पत्थर मारकर उसकी हत्या की जा सकती है. यमन में अगर कोई कुंवारा पुरुष समलैंगिक संबंध बनाता है तो उसे कोड़े मारे जाते हैं और एक साल की सजा भी हो सकती है. वहीं, महिला अगर समलैंगिक संबंध बनाती है तो उसे सात साल की जेल हो सकती है.
ईरान- ईरान शरिया कानून से चलता है जिसमें समलैंगिकता के लिए मौत की सजा का प्रावधान है. वहां अगर कोई पुरुष किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध बनाता है तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है. वहीं, अगर पुरुष संबंध बनाने के बजाए अपने समलैंगिक पार्टनर को किस करता है तो उसे कोड़े से मारा जाता है. महिला अगर ऐसा करती है तो भी उसपर सरेआम कोड़े बरसाए जाते हैं.
मॉरिटानिया- अफ्रीकी देश मॉरिटानिया के 1984 के कानून में कहा गया है कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष समलैंगिक संबंध बनाता है तो उसे तब तक पत्थर मारे जाएं जब तक कि उसकी मौत न हो जाए. हालांकि, मॉरिटानिया में समलैंगिकों को पत्थर से मारकर हत्या के मामले न के बराबर आए हैं. वहीं, महिलाओं को समलैंगिक संबंधों के लिए जेल की सजा दी जाती है.
नाइजीरिया- नाइजीरिया का संघीय कानून समलैंगिकता को महापाप मानता है और इसके लिए जेल की सजा का प्रावधान है. लेकिन देश के कई राज्यों में शरिया कानून चलता है जहां अगर किसी पुरुष ने समलैंगिक संबंध बनाए तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है. नाइजीरिया ने एक कानून बनाकर समलैंगिकों को अपना कोई क्लब बनाने या फिर कोई बैठक करने पर भी रोक लगा दी है.
कतर- इस्लामिक देश कतर में भी अगर कोई मुस्लिम समलैंगिक संबंध बनाता है तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है. कतर में शादी के बाद एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, चाहे वो समलैंगिक हो या फिर विषमलैंगिक, अपराध की श्रेणी में आता है, और इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान है.
सऊदी अरब- इस्लामिक देश सऊदी अरब में शरिया कानून के तहत अगर कोई पुरुष समलैंगिक संबंध बनाता है तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है. इस्लाम से इतर किसी दूसरे धर्म का पुरुष अगर सऊदी के किसी मुस्लिम पुरुष से संबंध बनाता है तो पत्थरों से मारकर उसकी हत्या की जा सकती है. शादी से इतर किसी भी तरह का संबंध सऊदी में गैर-कानूनी है जिसके लिए सजा का प्रावधान है.
अफगानिस्तान- तालिबान शासित अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू है और वहां समलैंगिकता अपराध माना जाता है. यहां समलैंगिकता के अपराधी को गंभीर मामलों में मौत की सजा दी जाती है. 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के खत्म होने के बाद समलैंगिकता के लिए मृत्युदंड की सजा का कोई मामला सामने नहीं आया था. लेकिन तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा कर लिया था जिसके बाद से वहां शरिया कानून सख्ती से लागू किए जा रहे हैं.
सोमालिया- अफ्रीकी देश सोमालिया में समलैंगिकता के लिए जेल की सजा दी जाती है. लेकिन इसके कुछ दक्षिणी इलाकों में इस्लामी अदालतें समलैंगिकता के लिए मृत्युदंड देती हैं.
सूडान- अफ्रीकी देश सूडान में भी समलैंगिकता को अपराध माना जाता है. सूडान के समलैंगिकता कानून के तहत अगर किसी ने लगातार तीन बार समलैंगिक अपराध किया तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है. पहली और दूसरी बार समलैंगिक संबंध बनाए जाने का दोषी पाए जाने पर कोड़े मारने और जेल की सजा दी जाती है. हालांकि, देश के दक्षिणी भागों में समलैंगिकता को लेकर ज्यादा क्रूर कानून नहीं हैं.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE)- यूएई में समलैंगिक संबंधों को प्रतिबंधित किया गया है. वहां अगर किसी पुरुष ने समलैंगिक संबंध बनाए तो उसे कारावास की सजा के साथ-साथ मौत की सजा भी दी जा सकती है. वहीं, अगर कोई विदेशी पुरुष यूएई में समलैंगिक संबंध बनाता है तो दोषी पाए जाने पर उसे निर्वासित किया जा सकता है, जेल में डाला जा सकता है और गंभीर मामलों में मौत की सजा भी दी जा सकती है.