भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम इसी हफ्ते सिंगापुर के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. गुरुवार (14 सितंबर) को थर्मन आधिकारिक रूप से सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति बन जाएंगे.
66 साल के शनमुगरत्नम एक सितंबर को राष्ट्रपति का चुनाव जीते थे. सिंगापुर में 2.48 मिलियन (20 लाख से अधिक) वोट पड़े थे. इसमें से 70.4 फीसदी यानी 17 लाख 46 हजार 427 वोट शनमुगरत्नम को मिले थे. उन्होंने चीनी मूल के कोक सॉन्ग और टैन किन लियान को हराया था. कोक को 15.2 फीसदी और टैन को 13.88 फीसदी वोट मिले थे.
मौजूदा राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म होगा. बता दें कि सिंगापुर में राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल का होता है.
इसके बाद ओवरसीज वोट मंगलवार अलग से गिने गए थे. इनको मिलाकर राष्ट्रपति पद के लिए कुल 25 लाख 34 हजार 711 वोट पड़े, इसमें रिजेक्ट हुए वोट्स भी शामिल हैं. ये कुल रजिस्टर्ड वोटर्स 2,709,407 का 93.55 फीसदी है.
शनमुगरत्नम का जीतना कई खास वजहों से चर्चा में है. दरअसल, सिंगापुर में चीन से जुड़ी बड़ी आबादी रहती है. शनमुगरत्नम के सामने दोनों प्रतिद्वंदी भी चीनी मूल के थे. बावजूद इसके शनमुगरत्नम को भरपूर समर्थन मिला.
राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शनमुगरत्नम ने कहा था कि मुझे इतनी बड़ी जीत की उम्मीद नहीं थी. इसका मतलब है कि इन लोगों ने मुझे वोट देने का फैसला किया था. यह काफी प्रेरणादायक है.
पीएम मोदी ने दी थर्मन को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी थर्मन को सिंगापुर का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी थी. उन्होंने लिखा था कि मैं भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हूं.