जब आप 83 साल के हो जाएंगे तब उस ढलती उम्र में रिटायरमेंट के मजे ले रहे होंगे, लेकिन दुनिया के सबसे उम्रदराज बॉडी बिल्डर प्रतियोगी के साथ ऐसा नहीं है. हम यहां रे मून की बात कर रहे हैं, जिन्होंने एक अंतराराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपने से आधे से भी कम उम्र के लोगों को टक्कर दी.
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में सोमवार को आयोजित वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में मून ने एक बार फिर अपनी सुडौल मांसपेशियों का जलवा बिखेरा. उनके जोश और जज्बे को देखकर वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया.
कैंसर से जूझने के बाद वह पहली बार स्टेज पर वापस आए थे. अपने दो साल के आंशिक रिटायरमेंट के बाद वापस लौटे मून ने दुनिया को दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं हैं. यही नहीं इस दौरान उन्होंने 35 श्रेणियों में प्रतियोगियों को टक्कर दी.
हालांकि मून प्रतियोगिता तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्हें उम्रदराज बॉडी बिल्डर प्रतियोगी होने का सर्टिफिकेट दिया गया. उन्हें हाल ही में बॉडी बिल्डिंग छोड़ देनी पड़ी थी क्योंकि वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. लेकिन जितनी जल्दी हो सके उन्होंने एक बार फिर डम्बल्स अपने हाथ में ले लिए ताकि वह प्रतियोगिता की तैयारी कर सकें.
पहले वह अपने एक हाथ से 1 किलोग्राम वजन के ही डम्बल उठा पाते थे, लेकिन बीमारी को पीछे छोड़ते ही वह अब फिर से 45 किलोग्राम तक का वजन उठा लेते हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मून इससे पहले पोलिया, ओपन हार्ट सर्जरी और दिल के दौरे का सामना कर चुके हैं. यहां तक कि पेसमेकर फिट किए जाने से पहले उन्हें क्लीनिकली डेड भी घोषित किया जा चुका था.
मून लगभग 75 साल की उम्र से बॉडी बिल्डिंग कर रहे हैं. तीन साल पहले उन्होंने सबसे उम्रदराज बॉडी बिल्डर प्रतियोगी होने का गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया.