इस्लामाबाद में सार्क सम्मेलन रद्द हो जाने के बाद पाकिस्तान को वहां के एक अखबार ने आईना दिखाया है. 'द डेली टाइम्स' ने पाकिस्तान सरकार को अपने अंदर झांकने की नसीहत दी है. साथ ही कहा है कि पाकिस्तान को कारगर विदेश नीति बनानी चाहिए, जिससे देश की आतंकवाद और असहिष्णुता वाली छवि को मिटाया जा सके.
अखबार ने संपादकीय में लिखा है कि ये वो वक्त होना चाहिए, जिसमें पाकिस्तान खुद अपने अंदर झांके और तय करे कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को कैसे प्रभावी ढंग से पेश करे. बता दें कि इस्लामाबाद में 9-10 नवंबर को सार्क सम्मेलन होना था. लेकिन भारत, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान और श्रीलंका के हिस्सा लेने से इनकार करने की वजह से पाकिस्तान को सार्क सम्मेलन के स्थगित करने की घोषणा करने पड़ी.
'सार्क सम्मेलन में ना आने से गया गलत संदेश'
अखबार ने लिखा है कि जहां तक विश्व मंच की बात है तो वहां किसी देश को लेकर बना नजरिया बहुत मायने रखता है और दुर्भाग्य से पाकिस्तान की छवि ऐसे देश की बनी हुई है जहां आतंकवाद और असहिष्णुता हावी है. इसीलिए पाकिस्तान की किसी भी अपील से विश्व समुदाय के कानों पर जू तक नहीं रेंगती. अखबार ने ये संपादकीय एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक के भारतीय सेना के दावे के बाद लिखा है. अखबार के मुताबिक सार्क के 5 सदस्यों के इस्लामाबाद में सम्मेलन में आने से इनकार करने पर अंतराष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश गया है.
पाकिस्तान को अखबार की लताड़
अखबार ने साथ ही कहा, 'कारगर विदेश नीति के लिए पूर्णकालिक विदेश मंत्री का होना जरूरी है. ऐसा विदेश मंत्री जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की लॉबिंग का मुकाबला कर सके. पाकिस्तान को खुद के रीब्रांडिंग की सख्त जरूरत है. ये तब तक नहीं हो सकता जब तक अपने मुद्दों को, अपनी हकीकत को ईमानदारी से पेश नहीं किया जाता.' अखबार ने साथ ही पाकिस्तान को रूस और खाड़ी देशों से संबंध मजबूत करने की जरूरत जताई. अखबार ने ये माना है कि भारत का वैश्विक स्तर पर प्रभाव बहुत ज्यादा है. ऐसा भारत की अर्थव्यवस्था और बड़े बाजार की वजह से है जो दुनिया के अन्य देशों को आकर्षित करता है.