क्या आप ने कभी कर्ज लिया है? अगर लिया है तो उसे चुकाने में आपके पसीने भी छूटे होंगे और परेशानियों से दो चार भी आप जरूर हुए होंगे. और अगर नहीं लिया, तो कर्ज के बोझ से आत्महत्या करते किसानों की खबरें कभी तो सुनी ही होंगी. आज कर्ज से कराह रहे यूरोपीय देश ग्रीस की हालत भी कुछ वैसी ही है. ओलिंपिक के साथ दुनिया को सर्वश्रेष्ठ खेल परम्परा देने वाला ये महान देश आज कर्ज के मकड़जाल में बुरी तरह उलझा हुआ है.
कर्ज के पहले का कथानक ?
ग्रीस की भूमि सुकरात, प्लूटो और अरस्तू जैसे महान दार्शनिको की कर्म-भूमि रही है. प्रजातंत्र की गीता कही जाने वाली 'द-रिपब्लिकन' भी ग्रीस में ही लिखी गई है. जान फूंकने वाली राष्ट्रवादी कविताएं लिखने वाले और 1963 के साहित्य के नोबेल विजेता 'ज्योर्जोस सेफेरि' भी ग्रीस से ही थे. अगर आधुनिक समय की बात करें तो 90 के दशक में ग्रीस की जीडीपी ग्रोथ दुनिया की औसत से कहीं आगे थी. जब पूरा यूरोप 'यूरोपियन यूनियन' के भविष्य को लेकर सशंकित था तब ग्रीस ने 1981 में उसका दामन थामकर पूरी दुनिया को यह संदेश दिया था कि यूरोप रक्तरंजित इतिहास से आगे निकल कर साथ-साथ भी बढ़ सकता है. पर 2008-09 में आई वैश्विक मंदी के बाद ग्रीस की पठकथा कर्ज की स्याही से लिखी जाने लगी. कर्ज का दलदल और विभिषक होता चला गया.
कितना बड़ा ग्रीस का कर्ज?
ग्रीस की पूरी अर्थव्यवस्था 238 अरब डॉलर (नॉमिनल) की है. और ग्रीस पर कर्ज बोझ 425 अरब डॉलर से भी ज्यादा का है. मतलब ग्रीस पर जीडीपी के 160 फीसदी से अधिक का कर्ज है. सरिज़ा पार्टी के सत्ता में आने के बाद भी कुछ बदलाव की उम्मीद की जा रही थी. 2015 की पहली तिमाही में ग्रीस की जीडीपी ग्रोथ -0.2 फीसदी रही. मतलब साफ है ग्रीस चक्रवृद्धि ब्याज के चक्र से उठे भयानक भंवर से बहार निकलने की बजाय और फंसता जा रहा है.
ग्रीस पर कर्ज की फांस
ग्रीस पर कुल 425 अरब अमेरिकन डॉलर (380 अरब यूरो) का कर्ज है. जिसमें अकेले फ्रांस को 41.4 अरब डॉलर अदा करने हैं तो जर्मनी को 15.9 अरब डॉलर, इंग्लैंड को 9.4 अरब डॉलर, पुर्तगाल को 7.5 अरब डॉलर, इटली को 2.8 अरब डॉलर देने हैं. उसे 60 फीसदी कर्ज यूरोपीय मुल्कों ने ही दिया है. आईएमएफ ने भी तकरीबन 30 अरब डॉलर का कर्ज ग्रीस को दे रखा है. इन सभी के आलावा भी ढेर सारी और वित्तीय संस्थाएं है जिन्होंने ग्रीस को कर्ज दे रखा है .
आईएमएफ का अंदाजा है की अगले 10 सालों में भी ग्रीस का कर्ज उसकी जीडीपी से ज्यादा ही रहने वाला है.
भारत पर ग्रीस का असर?
वैश्वीकरण के दौर में ग्रीस की अर्थव्यवस्था भारत से सीधे तौर पर नहीं जुड़ी हुई
है. भारत सबसे ज्यादा 17 फीसदी निर्यात यूरोपीय यूनियन को करता है. इसीलिए
यूरोप की हर हलचल का भारत पर सीधा पड़ता है और बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. बुधवार को आईएमएफ की ग्रीस को सख्त चेतावनी ने दुनिया के तमाम बाजारों की तरह भारतीय बाजार में हलचल पैदा कर दी. लगातार 8 दिनों से बढ़त बनाए हुए सेंसेक्स और निफ्टी दोनों औंधे मुंह गिरकर बंद हुए.