म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की ने कहा है कि उनके देश में होने वाले चुनाव आजाद म्यांमार के इतिहास के सर्वाधिक महत्वपूर्ण चुनाव हैं और ये देश का भविष्य तय करेंगे.
नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी (एनएलडी) की अध्यक्ष और म्यांमार में विपक्ष की नेता सू की ने इंडिया टुडे टीवी से 8 नंवबर को होने वाले चुनाव के संदर्भ में कहा, 'यह चुनाव अगली कई पीढ़ियों तक के लिए देश के भविष्य को बदल देगा. इसलिए हम लोगों से कह रहे हैं कि वे अपने लिए मत नहीं दे रहे हैं बल्कि वे अपने बच्चों और बच्चों के बच्चों के लिए मत दे रहे हैं.' म्यांमार की नई संसद में 25 फीसदी सीट सेना के लिए आरक्षित हैं. सू की ने कहा कि देश की सैन्य व्यवस्था को बदलने और देश को चलाने की जिम्मेदारी लोकतांत्रिक पार्टी को देने के लिए जरूरी है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों.
मतदाता सूची में गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अध्यक्ष तक को यह कहना पड़ा है कि वह सूची के महज 30 फीसदी हिस्से के सही होने की गारंटी ले सकते हैं. सू की से पूछा गया कि उनके राष्ट्रपति बनने पर रोक की स्थिति में वह कौन से पद पर रहना चाहेंगी. उन्होंने कहा, 'मैंने यह साफ कर दिया है कि अगर एनएलडी जीतती है और हम सरकार बनाते हैं तो मैं सरकार का नेतृत्व करूंगी, चाहे मैं राष्ट्रपति रहूं या न रहूं.' सू की ने उल्टे सवाल पूछा, 'क्या देश का नेतृत्व करने के लिए राष्ट्रपति होना जरूरी है?'
सोनिया की राह पर आंग सान...
उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसी भूमिका अपने लिए देख रही हैं, सू की ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम चुनाव जीतेंगे. आप देखेंगे कि हम यह कैसे करते हैं.' 1990 में एनएलडी ने जीत हासिल की थी लेकिन सेना ने चुनाव को रद्द कर दिया था. सू की ने कहा, 'इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि लोग अब अपने लिए खड़े होने के लिए पहले से अधिक तैयार हैं' सू की ने कहा कि देश में बहुत मतभेद हो चुके. अब मेल मिलाप का समय है. अगर एनएलडी जीती तो सेना को एक सम्मानित भूमिका की वह गारंटी देती हैं.
-इनपुट भाषा