बांग्लादेश की राजधानी ढाका के हाई प्रोफाइल गुलशन इलाके के रेस्टोरेंट में घुसे आतंकियों ने लोगों को परेशान करने के लिए इस्लामिक ग्रंथ कुरान का सहारा लिया. कमांडो ऑपरेशन के दौरान आजाद कराए गए एक बंधक ने बताया कि आतंकवादी लोगों को कुरान की आयतें पूछ रहे थे. जिन्होंने आयतें दोहराई उन्हें बख्श दिया, जबकि ऐसा नहीं कर पाने वालों को टॉर्चर किया जा रहा था.
'डेलीस्टार' में छपी खबर के मुताबिक राजनयिक क्षेत्र गुलशन स्थित होली आर्टिसन बेकरी में दस घंटे से अधिक वक्त तक बंधक रहे रेयाजुल हक के पिता हसनत करीम ने बताया कि दूसरे लोग हथियारबंद आतंकियों की कहर का शिकार बन रहे थे.
बेटी का जन्मदिन मनाने रेस्टोरेंट गए थे हसनत
हसनत करीम अपनी 13 साल की बेटी सफा का जन्मदिन मनाने के लिए पत्नी शरमीन करीम और आठ साल के बेटे रेयान के साथ बीती रात गुलशन रोड पर 79 नंबर प्लॉट पर बने इस
स्पेनिश रेस्टोरेंट में बीती रात पहुंचे थे. यह रात उनके लिए भयानक यादों की गवाह बन गई. अचानक वहां हथियारबंद आतंकी पहुंचे और विदेशियों सहित 20 से अधिक लोगों को बंधक बना
लिया.
बांग्लादेशी बंधकों को आतंकियों ने डिनर कराया
मिलिट्री, पैरामिलिट्री बॉर्डर बांग्लादेश, पुलिस और इलीट फोर्स रैपिड एक्शन बटालियन के ज्वाइंट ऑपरेशन में आखिरकार बंधकों को छुड़ा लिया गया. आजाद हुए हसनत के पिता रेयाजुल ने कहा
कि वे आतंकी बांग्लादेशी लोगों के साथ बुरा बर्ताव नहीं कर रहे थे. बांग्लादेशी लोगों को तो उन्होंने रात का खाना भी मुहैया कराया.
कुरान की आयतें नहीं पढ़नेवालों को किया टॉर्चर
हसनत ने बताया कि आतंकी बंधकों का मजहब पूछ रहे थे. इसके लिए वह सबसे कुरान की आयतें दोहराने के लिए कह रहे थे. जो लोग एक या दो आयतें बोल पा रहे थे, उन्हें छोड़कर बाकी
लोगों को आतंकी लगातार टॉर्चर करते रहे . आतंकियों ने विदेशी लोगों का खाना भी खा लिया. कमांडो ऑपरेशन के दौरान सात आतंकियों में 6 ढेर हो गए और एक को पकड़ लिया गया.