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अमेरिका में तीन भारतीय स्वास्थ्य घोटाले में दोषी

तीन भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों को संघीय अदालत ने लगभग डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर के एक स्वास्थ्य घोटाले में दोषी करार दिया है. यह घोटाला अमेरिका में चल रही एक स्वास्थ्य योजना में फर्जी दावे पेश करके किया गया था.

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तीन भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों को संघीय अदालत ने लगभग डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर के एक स्वास्थ्य घोटाले में दोषी करार दिया है. यह घोटाला अमेरिका में चल रही एक स्वास्थ्य योजना में फर्जी दावे पेश करके किया गया था.

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फिजिकल थेरेपिस्ट शहजाद मिर्जा और फिजिकल थेरेपी सहायक जिगर पटेल और विदेशी चिकित्सा संस्थान से ग्रेजुएट श्रीनिवास रेड्डी को इस घोटाले में दोषी पाया गया है. रेड्डी के पास स्वास्थ्य सेवाएं देने का लाइसेंस भी नहीं था. न्याय विभाग के अपराध शाखा के कार्यकारी सहायक अटॉर्नी जनरल डेविड ए ओनील के मुताबिक तीनों पर जुलाई 2008 से सितंबर 2011 के बीच डेट्रॉएट शहर में चल रहे एक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत षड्यंत्र रचने के आरोप में कार्यवाही की गई है.

मिर्जा और पटेल पर जहां संघीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत दो फर्जी दावा जमा करने के आरोप थे वहीं रेड्डी पर तीन फर्जी दावे पेश करने का आरोप है. पटेल को अपनी कंपनी एमआई हेल्थकेयर स्टाफिंग के माध्यम से धन की हेराफेरी के मामले में भी दोषी पाया गया है. मुकदमे के दौरान पेश किए गए सबूतों के आधार पर पटेल तथा उनके साथियों ने गलत जानकारी भरकर बताया कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं हैं जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हुआ.

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पटेल की कंपनी एमआई हेल्थकेयर स्टाफिंग भी इस घोटाले में शामिल थी, जिसके माध्यम से पटेल ने फर्जी कागजातों के सहारे धन की हेराफेरी की. सभी षड्यंत्रकारियों द्वारा एक कंपनी फॉयनिक्स विजिटिंग फिजिशियन बनाई गई जिसमें गैर लाइसेंसधारी चिकित्सकों को भर्ती किया गया. रेड्डी भी ऐसा ही डॉक्टर था. इस कंपनी के माध्यम से उन्होंने मरीजों की जानकारी जुटाई जिससे कि वे अपने फर्जी कागजी काम को पूरा कर सकें.

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