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लेफ्टिनेंट जनरल बरार पर हमला मामले में 3 दोषी करार

ब्रिटेन में एक सिख गिरोह के तीन सदस्यों को रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार पर जानलेवा हमला करने के मामले में दोषी ठहराया गया है.

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ब्रिटेन में एक सिख गिरोह के तीन सदस्यों को रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार पर जानलेवा हमला करने के मामले में दोषी ठहराया गया है.

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यह हमला पिछले साल किया गया था. जनरल बरार 28 साल पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए 1984 में चलाए गए ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ के नायक थे. हमलावरों में एक महिला भी शामिल थी. 78 वर्षीय बरार पर 30 सितंबर 2012 को उस समय हमला किया गया था जब वह मध्य लंदन में ओल्ड क्यूबेक स्ट्रीट पर अपनी पत्नी मीना के साथ जा रहे थे.

साउथवार्क क्राउन कोर्ट में बर्मिंघम के मनदीप सिंह संधु (34) तथा लंदन के दिलबाग सिंह (37) तथा हरजीत कौर (39) को साजिश के साथ घायल करने का दोषी ठहराया गया.

वोल्वरहैम्प्टन के 33 वर्षीय बरजिंदर सिंह सांघा ने आरोप स्वीकार कर लिया था. नौ महिलाओं तथा दो पुरूषों की ज्युरी ने तीनों को दोषी ठहराने में केवल एक घंटे का समय लिया.

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लेफ्टनेंट जनरल बरार जून 1984 में अमृतसर में सिख आतंकवादियों के खिलाफ एक विवादास्पद सैन्य अभियान ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ में शामिल थे.

क्राउन अभियोजन सेवा के मेरी रीड ने फैसले के बाद कहा, ‘समूह ने स्पष्ट रूप से लेफ्टिनेंट जनरल को उनके सैन्य कैरियर के दौरान की उनकी गतिविधियों का बदला लेने के लिए उन्हें निशाना बनाया और सुनाया गया फैसला इस बात का सबूत है कि ब्रिटेन किसी प्रकार के चरमपंथ को स्वीकार नहीं करेगा.’ बरार दंपति हमले की रात वेस्ट एंड में अपने होटल के समीप टहल रहा थे.

कौर को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है. कौर, बरार दपंति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उसी बस में चढ़ी जिसमें ये दोनों चढ़े तथा फोन के जरिए उसने इंतजार कर रहे अन्य हमलावरों को गतिविधियों की जानकारी दी. ज्युरी को बताया गया कि सांघा ने चाकू निकाला जबकि एक दूसरे व्यक्ति ने पीड़ित को जकड़ लिया.

बरार की गर्दन तथा जबड़े पर 12 इंच लंबा घाव आया तथा जबड़े पर तीन इंच का एक अन्य घाव था. तीनों को 19 सितंबर को सजा सुनायी जाएगी. बीबीसी ने यह जानकारी दी. फैसले पर प्रतिक्रिया में बरार ने कहा कि वह हमलावरों को दोषी ठहराए जाने पर खुश हैं.

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उन्होंने कहा कि हमलावरों को बदला लेने के लिए इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा, ‘हमलावरों को तो पता भी नहीं था कि आपरेशन ब्लू स्टार क्या था. 1984 में वे चार-पांच साल के रहे होंगे. इसलिए मुझे लगता है कि इन्हें कट्टरपंथियों द्वारा इस्तेमाल किया गया है जो बदला लेने का मौका तलाश रहे थे और जो नफरत छोड़ने को तैयार नहीं हैं.’

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