सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के अध्यक्ष और निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगे ने कहा है कि चीन बिगड़ैल बड़े भाई की तरह हरकतें करता रहता है. इंडिया टुडे से खास बातचीत में सांगे ने भारत, चीन और तिब्बत को लेकर कई अहम मसलों पर बातचीत की है.
आपको बता दें कि भारत सरकार ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया, जिसकी वजह से नई दिल्ली में होने वाला कार्यक्रम 'थैंक यू इंडिया' धर्मशाला में शिफ्ट हो गया था. यह कार्यक्रम तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के निर्वासन की 60वीं जयंती पर होने वाला था. सांगे ने कहा कि वह इस फैसले की संवेदनशीलता को समझते हैं.
इसी मामले पर सांगे ने कहा, 'हां, हमने सर्कुलर देखा और हम इन परिस्थितियों को समझते हैं. दलाई लामा ने हमेशा कहा है कि हम भारत समेत किसी के लिए भी कोई भी असुविधा या परेशानी खड़ी नहीं करना चाहते हैं. हम भारत और चीन समेत सभी पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं. इसलिए अगर चीन की तरफ से कोई परेशानी खड़ी की जा रही है तो हमें कार्यक्रम के शिफ्ट होने से कोई दिक्कत नहीं है. हम जानते हैं कि चीन इस मामले पर काफी सेंसेटिव है.'
सांगे ने कहा, 'चीन बिगड़ैल बड़े भाई की तरह व्यवहार करता है. यह हमेशा संवेदनशील रहता है. हम कुछ भी करें, कहीं भी जाएं, कुछ भी कहें चीन हमेशा इस पर बयान देता है. वे भारत सरकार से इसकी शिकायत करते रहते हैं. इसलिए हम भारत सरकार के सर्कुलर को समझते हैं.' हालांकि, भारत सरकार ने साफ किया है कि वह तिब्बत और दलाई लामा पर अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा.
आपको बता दें कि भारत के कैबिनेट सचिव ने सरकार के सभी पदाधिकारियों को दलाई लामा के कार्यक्रम से दूर रहने को कहा था. उन्होंने 22 फरवरी को विदेश सचिव के खत के हवाले से कहा था कि चीन की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी सरकारी अधिकारी इस कार्यक्रम से दूर रहें. इसके बाद दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम 'थैंक यू इंडिया' को धर्मशाला शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि, इसमें भारत सरकार के अलावा कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और तिब्बत को अपना समर्थन जताया था.
लोबसांग सांगे ने कहा है, 'थैंक यू इंडिया में भारत सरकार की ओर से मंत्री महेश शर्मा जी और बीजेपी की ओर से मेरे दोस्त राममाधव जी और शांता कुमार जी, हिमाचल सरकार के मंत्री और कांग्रेस की ओर से सत्यव्रत चतुर्वेदी आए. असल बात यही है कि इस कार्यक्रम में सभी अहम लोग शामिल हुए.'
उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम और सांस्कृतिक महोत्सव न केवल दलाई लामा के संघर्ष को सामने रखते हैं, बल्कि जमीनी वास्तविकता भी बताते हैं. सांगे ने कहा, 'चीन की सरकार दावा करती है कि उसने तिब्बत को समाजवाद के स्वर्ग में बदल दिया है, लेकिन फ्रीडम हाउस इंडेक्स बताता है कि सीरिया में सबसे कम आजादी हासिल है और इस मामले में दूसरा नंबर तिब्बत का है. साउथ सूडान और एरिट्रिया का नंबर भी इसके बाद आता है. इसका मतलब है कि यहां शी जिनपिंग के नेतृत्व में मानवाधिकारों का उल्लंघन, पर्यावरण को नष्ट करना और सांस्कृतिक दमन जारी है.'