मैसूर के अंतिम बादशाह टीपू सुल्तान के शस्त्र और कवच को नीलाम किया गया. हैदर अली के बड़े बेटे और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले सिपाही टीपू सुल्तान के शस्त्रों की नीलामी से लगभग 57 करोड़ रुपये मिले.
21 अप्रैल को लंदन में आयोजित बोन्हैम्स इस्लामी एवं भारतीय कला नीलामी के दौरान टीपू सुल्तान की 30 वस्तुएं नीलाम की गईं. इसके खरीदार की पहचान गुप्त रखी गई है.
इस शस्त्रों में सबसे अधिक टीपू सुल्तान की दुर्लभ रत्न-जड़ित और बाघ के सिर के मूठ वाली तलवार रही. यह 20.45 करोड़ रुपये में बिकी. जबकि इसकी नीलामी में महज 57 से 76 लाख रुपये मिलने का ही अनुमान लगाया गया था.
बाघ टीपू सुल्तान की खास पसंद का जानवर था. यही कारण था कि उनकी पसंद की कलाकृतियों और शस्त्रों में बाघ की पट्टी का डिजाइन हुआ करता था.
उनकी तीन पहिए वाली तोप के 13.54 करोड़ रुपये जबकि उनकी पुरानी बंदूक के भी, अनुमान से सात गुनी अधिक कीमत, 6.86 करोड़ रुपये मिले.
अन्य शस्त्रों में उनकी कटार, अन्य रत्न जड़ित तलवारें, कढ़ाई किए तरकस, लोहे की टोपी, बंदूक, शिकार किए पक्षियों की कलाकृति, पिस्तौल और तीन पाउंड की एक कांसे की तोप नीलामी के लिए रखी गई थी.