पिछले महीने 18 जून को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकली पनडुब्बी टाइटन का मलबा समुद्र में 12,500 फीट की गहराई में मिला था. इस तलाशी अभियान में शामिल एक अधिकारी ने अपना अनुभव शेयर किया है. तलाशी अभियान में शामिल पेलजिक रिसर्च सर्विसेज (Pelagic Research Services) के सीईओ एड कैसानो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमारा जोर टाइटन और उसमें शामिल लोगों को बचाने पर था. इसके लिए हम Odysseus 6K की मदद से 90 मिनट के भीतर ही लगभग 12,500 फीट की गहराई तक पहुंच गए थे. लेकिन समुद्र तल पर पहुंचने के कुछ ही देर बाद हमें टाइटन पनडुब्बी का मलबा मिला और लोगों को बचाने की हमारी उम्मीद खत्म हो गई.
18 जून को पांच जाने-माने अरबपति OceanGate कंपनी की पनडुब्बी टाइटन में बैठकर 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकले थे. लेकिन शुरुआती दो घंटों के भीतर ही इससे संपर्क टूट गया था. इसके बाद जोर-शोर से तलाशी अभियान चलाया गया था. तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने कहा था कि पनडुब्बी भारी दबाव के कारण Catastrophic Implosion का शिकार हो गई और उसके मलबे से इस बात की पुष्टि होती है.
अधिकारी ने शेयर किया सर्च ऑपरेशन का अनुभव
सर्च ऑपरेशन में शामिल कैसानो इस सर्च ऑपरेशन का अनुभव शेयर करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, "हमने जब ऑपरेशन की शुरुआत की तो हमारा मुख्य फोकस टाइटन और उसमें सवार लोगों को बचाने पर था. इसके लिए हमने रिमोट से संचालित वाहन Odysseus 6K की मदद ली. इसकी मदद से हम 90 मिनट के भीतर 12,500 फीट की गहराई पर मौजूद टाइटैनिक जहाज के मलबे तक पहुंच गए. यहां पहुंचते ही पनडुब्बी टाइटन में सवार लोगों को बचाने की उम्मीद खत्म हो गई. क्योंकि समुद्र तल पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही हमें टाइटन पनडुब्बी का मलबा मिला. इसी के साथ हमारा फोकस रेस्क्यू से रिकवरी में बदल गया.
प्रेस से बात करते हुए कैसानो बार-बार भावुक हो जा रहे थे. उन्होंने लोगों से इस घटना को गंभीरता से लेने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने इस हादसे मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करने का आग्रह किया.
अब तक की जांच से यह पता चला है कि 18 जून को गोता लगाने के तुरंत बाद पनडुब्बी विस्फोट का शिकार हो गई. और इसमें सवार सभी पांच लोगों की जान चली गई. मारे गए व्यक्ति में OceanGate के सीईओ स्टॉकन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और समुद्र विज्ञानी पॉल-हेनरी नार्जियोलेट थे. स्टॉकन रश इस पनडुब्बी के चालक थे. रिपोर्ट के मुताबिक, स्टॉकन रश ने प्रत्येक व्यक्ति से 2.5 लाख डॉलर चार्ज लिया था.
Pelagic Research Services CEO Ed Cassano speaking in East Aurora pic.twitter.com/wjjsl16OH9
— Jon Harris (@ByJonHarris) June 30, 2023
टाइटन पनडुब्बी का निकाला गया मलबा
29 जून को टाइटन पनडुब्बी का मलबा समुद्र में लगभग 12,500 फीट की गहराई में मिला था. यह मलबा टाइटैनिक के मलबे से करीब 1600 फीट की दूरी पर था. इस मलबे को कनाडा के सेंट जॉन्स बंदरगाह पर होराइजन आर्कटिक जहाज से लाया गया. इस मलबे की खोज के लिए कनाडाई जहाज होराइजन आर्कटिक की मदद ली गई.
दो घंटे से कम समय में टूट गया था संपर्क
पनडुब्बी टाइटन को जहाज पोलर प्रिंस की मदद से जहाज में उतारा गया था. लेकिन एक घंटा 45 मिनट बाद ही जहाज से उसका संपर्क टूट गया. पनडुब्बी अमेरिकी तट से 900 नॉटिकल माइल्स दूर Cape Cod के पूर्व में लापता हुई थी. जिसके बाद पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस ने अमेरिकी तट रक्षक बलों को बताया कि उनका संपर्क पनडुब्बी से टूट गया है. इसके बाद अमेरिका ने पनडुब्बी की खोज के लिए एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया था.
तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि पनडुब्बी टाइटन भारी दबाव के कारण विनाशकारी विस्फोट का शिकार हो गई और उसके मलबे से इस बात की पुष्टि होती है. टेक्निकल टर्म में अगर बात करें तो पनडुब्बी Catastrophic Implosion का शिकार हो गई.