टाइटैनिक का मलबा दिखाने पांच लोगों को ले गई पनडुब्बी टाइटन में विनाशकारी विस्फोट ने उनके परिवार वालों को कभी न खत्म होने वाला दर्द दिया है. पनडु्ब्बी में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान भी सवार थे. अब दाऊद की पत्नी ने बताया है कि टाइटन पर सवार होकर समुद्र तल में जाने से पहले उनके पति, बेटे और बाकी यात्रियों ने अपना आखिरी दिन कैसे बिताया.
उन्होंने बताया कि उनके पति और बेटे को अपने आखिरी दिन में पनडुब्बी के जहाज पोलर प्रिंस पर बंक बेड में रहना पड़ा और ट्रे में बफे स्टाइल में खाना पड़ा. उन्होंने बताया कि टाइटन पर सवार होकर समुद्र में जाने से पहले सभी यात्रियों को एक के बाद एक मीटिंग्स में हिस्सा लेना पड़ा. बीच-बीच में वो टाइटैनिक हादसे पर बनी प्रसिद्ध फिल्म 'टाइटैनिक' भी देख रहे थे.
टाइटन पनडुब्बी में पाकिस्तानी अरबपति और उनके बेटे के अलावा पनडुब्बी बनाने वाली कंपनी ओशन गेट को सीईओ स्टॉकटन रश, ब्रिटिश अरबपति बिजनेसमैन हार्मिश हार्डिंग और फ्रेंच एक्सप्लोरर पॉल ऑनरी नार्जेलेट सवार थे.
शहजादा दाऊद की पत्नी ने बताया कि पोलर प्रिंस पर तंग कमरों में रहने, ट्रे में खाना खाने और लगातार मीटिंग्स के बावजूद भी उनके पति और बेटे टाइटैनिक की अपनी यात्रा को लेकर काफी खुश थे.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पांचों यात्रियों ने अपना आखिरी वक्त संभवतः अंधेरे में अपना पसंदीदा गीत सुनते हुए बिताया. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आखिरी वक्त में सभी यात्री भयानक बायोलुमिनसेंट समुद्री प्राणियों से घिरे हुए थे जो प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं.
शहजादा दाऊद के टाइटैनिक प्रेम ने ले ली उनकी जान
अखबार से बातचीत करते हुए शहजादा दाऊद की पत्नी क्रिस्टीन दाऊद ने कहा कि उनके पति और बेटे समुद्र में 1,250 फीट नीचे स्थित टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए बेहद उत्साहित थे. उन्होंने बताया कि टाइटैनिक को लेकर शहजादा दाऊद का जुनून 2012 में सिंगापुर में टाइटैनिक पर आधारित एक प्रदर्शनी देखने के बाद शुरू हुआ.
साल 2019 में जब वो समुद्र के रास्ते ग्रीनलैंड जा रहे थे तब उनका सामना उसी खतरनाक हिमखंड से हुआ था जिससे टकराकर टाइटैनिक के दो टुकड़े हो गए थे. इसके बाद टाइटैनिक को लेकर शहजादा दाऊद का जुनून और बढ़ गया था.
जब उन्होंने टाइटैनिक की यात्रा कराने वाली कंपनी ओशनगेट का विज्ञापन देखा तब उन्होंने टाइटैनिक के मलबे के पास जाने का मन बना लिया. शहजादा और उनकी पत्नी क्रिस्टीन पहले टाइटैनिक को देखने जाने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण यात्रा को स्थगित कर दिया था. बाद में जब यात्रा दोबारा शिड्यूल हुई तब क्रिस्टीन की जगह उनके 19 साल के बेटे सुलेमान ने अपने पिता के साथ जाना चुना.
'काश दूसरी फ्लाइट भी रद्द हो जाती'
पनडुब्बी का जहाज पोलर प्रिंस कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से रवाना होने वाला था. जिस विमान से शहजादा और उनका परिवार जहाज के प्रस्थान बिंदु पर जाने वाला था वो फ्लाइट रद्द हो गई. इसके बाद वो एक दूसरी फ्लाइट से न्यूफाउंडलैंड गए लेकिन उन्हें काफी देर हो गई. परिवार चिंता में था कि कहीं देरी के कारण वो पोलर प्रिंस को मिस न करें दे और आखिरकार वो जहाज के रवाना होने से पहले वहां पहुंच गए.
क्रिस्टीन ने बताया, 'हम काफी चिंतित थे. हम सोच रहे थे कि हे भगवान क्या होगा अगर जहाज के पास ले जानी वाली दूसरी उड़ान भी रद्द हो जाती है.'
क्रिस्टीन आगे कहती हैं कि काश वो दूसरी उड़ान भी रद्द हो जाती और वो पोलर प्रिंस तक नहीं पहुंच पाते तो उनके पति और बेटे आज सही-सलामत उनके पास होते.
उन्होंने याद किया कि कैसे पनडुब्बी के रवाना होने से पहले शहजादा दाऊद खुशी से उछल रहे थे और उनका बेटा भी काफी खुश था.
क्रिस्टीन ने कहा कि ओशनगेट में यात्रियों में विश्वास पैदा करने के लिए बहुत से कदम उठाए थे. उन्हें यात्रा पर जाने से पहले डाइट से जुड़ी सिफारिशें की गई थी. नीचे के कम तापमान के लिए कपड़ों को लेकर सलाह दी गई थी और समुद्र की गहराई में जाने पर पनडुब्बी के फर्श पर पानी की बूंदें जमा होने को लेकर भी चेतावनी दी गई थी.
टाइटन ने जैसे ही समुद्र में गोता लगाया, यात्रियों को सलाह दी गई कि वो बैटरी बचाने के लिए पनडुब्बी की लाइटें बंद कर दें. लाइट बंद करने के बावजूद भी टाइटन में सवार यात्री खूबसूरत समुद्र में प्रकाश उत्सर्जित करने वाले जीवों को देख सकते थे. जब वो यात्रा पर निकल रहे थे तब उनसे उनके पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट भी मांगी गई थी जिसे वो अपनी यात्रा के दौरान सुनने वाले थे.
संपर्क टूटने पर क्रिस्टीन से कही गई ये बात
क्रिस्टीन का परिवार इस पूरी तैयारी के दौरान काफी उत्साहित था. शहजादा को बस एक दिक्कत थी- वो गहरे समुद्र में जाने के लिए पहने जाने वाले उपकरणों को लेकर शिकायत कर रहे थे.
क्रिस्टीन ने कहा कि पनडुब्बी गहरे समुद्र में इतनी धीमी गति से आगे बढ़ रही थी कि उन्हें कोई हलचल महसूस नहीं हो रही थी. जब पनडुब्बी से संपर्क टूटा तब क्रिस्टीन को बताया गया कि ऐसी गड़बड़ियां असामान्य नहीं है और अगर एक घंटे के भीतर पनडुब्बी से संपर्क स्थापित नहीं हुआ तो वो अपने आप समुद्र की सतह पर आ जाएगी.
टाइटन 18 जून रविवार को बीच समुद्र में लापता हो गई थी. पानी में डाइव के दो घंटे से भी कम समय में पोलर प्रिंस से इसका संपर्क टूट गया था और पनडुब्बी अटलांटिंक महासागर में गायब हो गई. पनडुब्बी की खोज के लिए अमेरिकी कोस्ट गार्ड के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया था.
22 जून को पनडुब्बी का मलबा मिला था जिसके बाद अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने कहा था कि पनडुब्बी बीच समुद्र में विनाशकारी विस्फोट (Catastrophic Implosion) का शिकार हो गई और उसमें सवार पांचों यात्री मारे गए हैं.