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ओवैसी 52 लाख, महुआ मोइत्रा 75 लाख... लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए किन नेताओं को मिली कितनी रकम?

टीएमसी ने अधिकतर उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल से चुनावी मैदान में उतारा था. पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने असम और मेघालय से चुनाव लड़ा. बता दें कि टीएमसी ने बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों चुनाव लड़ा था जबकि उसे 29 सीटों पर जीत मिली थी. 

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ओवैसी और महुआ मोइत्रा
ओवैसी और महुआ मोइत्रा

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बेतहाशा पैसा खर्च किया है. सिर्फ टीएमसी ही नहीं आम आदमी पार्टी से से लेकर कांग्रेस और एआईएमआईएम ने भी उम्मीदवारों पर दिलकर खोलकर खर्च किया है.

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चुनाव आयोग को सात जून को सौंपे गए टीएमसी के व्यय विवरण के मुताबिक, पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए 3.60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पार्टी ने अभिषेक बनर्जी, महुआ मोइत्रा और शत्रुघ्न सिन्हा सहित पार्टी के 48 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए 75-75 लाख रुपये दिए थे.

टीएमसी ने अधिकतर उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल से चुनावी मैदान में उतारा था. पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने असम और मेघालय से चुनाव लड़ा. बता दें कि टीएमसी ने बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों चुनाव लड़ा था जबकि उसे 29 सीटों पर जीत मिली थी. 

आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपने तीन उम्मीदवारों के चुनाव पर 60 लाख रुपये से अधिक खर्च किए थे. आम आदमी पार्टी के इन उम्मीदवारों में से दो ने दिल्ली से जबकि एक उम्मीदवार ने गुजरात से चुनाव लड़ा था. पार्टी ने गुजरात के भरूच से चैतरभाई वसावा को चुनाव लड़ने के लिए 60 लाख रुपये में से लगभग आधी धनराशि दी थी.

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यह भी पढ़ें: राहुल गांधी को 1.40 करोड़ तो दिग्विजय को 50 लाख, कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए नेताओं को दी इतनी रकम

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) ने पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को चुनाव लड़ने के लिए दो किस्तों में कुल 52 लाख रुपये दिए थे. हालांकि चुनाव प्रचार पर उम्मीदवार के खर्च की एक सीमा होती है, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं होती.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया है कि उसने राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए 70-70 लाख रुपए दिए. बता दें कि राहुल गांधी दोनों सीटों से जीत गए थे. हालांकि, उन्होंने अंत में रायबरेली की सीट कायम रखते हुए वायनाड की सीट छोड़ दी. पार्टी ने संसदीय चुनावों में 99 सीटें जीती थीं, जिसमें से दो सीटों से राहुल जीते थे.

जनवरी 2022 में चुनाव आयोग के सुझावों के आधार पर सरकार ने उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ने की खर्च राशि 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दी जबकि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए खर्च की जाने वाली 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी. 

लोकसभा चुनावों के लिए खर्च की जाने वाली राशि को अब बड़े राज्यों में बढ़ाकर 90 लाख रुपये कर दिया गया है जबकि छोटे राज्यों में यह 75 लाख रुपये है. बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था और नतीजों का ऐलान चार जून को किया जाएगा. 

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