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कहीं खुद को ही ना खा जाए ये बच्‍चा

23 महीने के एक बच्‍चे के माता-पिता को हर वक्‍त इस बात की चिंता सताती रहती है कि कहीं उनका बच्‍चा खुद को ही ना खा ले. यहां हम ब्रिटेन के एक ऐसे बच्‍चे की बात कर रहे हैं जिसे असामान्‍य आनुवांशिक बीमारी है. इस बीमारी के चलते बच्‍चे को हर वक्‍त भूख लगी रहती है.

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23 महीने के एक बच्‍चे के माता-पिता को हर वक्‍त इस बात की चिंता सताती रहती है कि कहीं उनका बच्‍चा खुद को ही ना खा ले. यहां हम ब्रिटेन के एक ऐसे बच्‍चे की बात कर रहे हैं जिसे असामान्‍य आनुवांशिक बीमारी है. इस बीमारी के चलते बच्‍चे को हर वक्‍त भूख लगी रहती है.

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गीजर बक्‍सटन ब्रिटेन के उन चुनिंदा बच्‍चों में शामिल है जिसे प्रेडर-विली सिंड्रोम (PWS) है. इस वजह से वह अपने हाथ आने वाली हर चीज को खाना चाहता है और उसे इस बात का एहसास नहीं होता कि उसका पेट भर गया है.

PWS के शिकार बच्‍चे अकसर जबरदस्‍ती खाते रहते हैं और उन्‍हें खाने की सनक सवार हो जाती है. कभी ना मिटने वाली भूख के अलावा इन बच्‍चों का शारीरिक और भावात्‍मक विकास भी बहुत धीरे-धीरे होता है. साथ ही उन्‍हें किसी चीज को सीखने में भी परेशानी होती है. आपको बता दें कि ब्रिटेन में हर साल 15,000 में से एक बच्‍चा इस बीमारी से प्रभावित होता है.

गीजर जब तीन हफ्ते का था तब डॉक्‍टर इस बात को लेकर परेशान थे कि वह प्रतिक्रिया नहीं देता है. बाद में जांच हुई तो पता चला कि वह PWS से प्रभावित है. हालांकि अब वह पहले से ठीक है, लेकिन उसने अभी तक एक भी शब्‍द नहीं बोला है और उसने हाल ही में घुटनों के बल चलना शुरू किया है.

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गीजर के घरवाले हमेशा उसके भविष्‍य को लेकर परेशान रहते हैं क्‍योंकि वो कभी आत्‍मनिर्भर नहीं हो पाएगा. गीजर की मां ने बताया, 'हमें गीजर पर हर वक्‍त नजर रखनी पड़ती है. हम उसे अकेला छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते.'

उन्‍होंने कहा, 'वह कुछ भी खाने लगता है और हमें उस पर निगरानी रखनी पड़ती है ताकि उसका वजन ना बढ़े. हम उसे अकेला नहीं छोड़ सकते क्‍योंकि वो कभी इतना ज्‍यादा खा लेता है कि उसका पेट फटने को आ जाता है. वह एक दिन खुद को भी खा सकता है.'

हालांकि गीजर की मां काफी सकारात्‍मक हैं और उन्‍हें उम्‍मीद है कि उनका बेटा एक दिन स्‍वस्‍थ और खुशहाल जीवन जरूर जी पाएगा.

उधर, PWS से प्रभावित अन्‍य बच्‍चों के घरवालों ने बताया कि इस बीमारी के चलते उनके बच्‍चे कितना ज्‍यादा खाते हैं. साल 2011 में दो साल की एक बच्‍ची शादी के रिसेप्‍शन में परोसे जाने वाला तीन मंजिला केक अकेले ही खा गई. वहीं, जून 2012 में तो एक बच्‍चे ने खुद को खाकर लगभग मौत को गले लगा ही लिया था. पिछले साल पांच साल के एक बच्‍चे ने खिड़की का पर्दा और दीवार का प्‍लास्‍टर खा लिया था.

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