पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशखाना से उपहार बेचने को लेकर हुए विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इमरान खान ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि यह तोहफें उनके हैं इसलिए ये उनकी मर्जी है कि उन्हें अपने पास रखें या नहीं. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने कहा, 'मेरा तोहफा, मेरी मर्जी'.
पाकिस्तान के कानून के अनुसार, किसी विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी तोहफा निक्षेपागार या तोशखाने में रखा जाना चाहिए. सोमवार को इमरान खान ने तोशखाना से उपहार बेचने संबंधी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के इल्जाम बेबुनियाद हैं क्योंकि जो कुछ भी 'तोशखाने से बेचा गया, उसका रिकॉर्ड मौजूद है और यदि किसी के पास भ्रष्टाचार के संबंध में साक्ष्य हैं, तो उसे आगे आना चाहिए.'
तोशखाना से जो कुछ लिया वो रिकॉर्ड में है- इमरान खान
अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए इमरान खान ने कहा कि मैंने अपने आवास पर एक राष्ट्रपति द्वारा भेजा गया उपहार जमा किया. मैंने तोशखाना से जो कुछ भी लिया, वह रिकॉर्ड में है. मैंने लागत का 50 प्रतिशत भुगतान करने के बाद उपहार खरीदे.
इमरान खान ने कहा, 'अगर मैं पैसा कमाना चाहता, तो मैंने अपने घर को कैंप ऑफिस घोषित कर दिया होता, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. एआरवाई न्यूज पाकिस्तान ने खान के हवाले कहा, 'मैं खुदा का शुक्रगुजार हूं कि तीन साल के (शासन) में उन्हें मेरे खिलाफ सिर्फ तोशखाना उपहार कांड मिला है, जिसके बारे में पहले ही जानकारी उपलब्ध है.'
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि तोशखाना से तोहफें बेचने का मामला पिछले सप्ताह सामने आया था. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान दुबई में तोशखाने से 14 करोड़ रुपये के उपहार बेचे.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 14 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 58 उपहार मिले और उन्होंने उन सभी उपहारों को बिना भुगतान किए अपने पास रख लिया और बेच दिया.