पाकिस्तान के बलूचिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन अभी भी बलोच विद्रोहियों के कब्जे में हैं. अब तक 150 से अधिक बंधकों को पाकिस्तानी सेना ने छुड़ा लिया है लेकिन 100 से ज्यादा बंधक अभी भी BLA की गिरफ्त में है. इस बीच BLA ने बकायदा वीडियो जारी कर इस पूरे ट्रेन अटैक की क्रोनोलॉजी बताई है.
BLA की ओर से जारी किए गए इस वीडियो में दिखाया गया है कि जाफर एक्सप्रेस सामान्य तरीके से जा रही है. इस बीच ट्रेन को टारगेट कर सबसे पहले धमाका किया जाता है. इस धमाके के बाद ट्रेन रुक जाती है. वीडियो में पहाड़ियों पर बैठे बीएलए के लड़ाके भी दिखाई दे रहे हैं, जो घात लगाकर बैठे हैं.
वीडियो में दिखाया गया है कि ट्रेन के यात्रियों को बंधक बनाकर बाहर लाया जाता है. इन्हें गन पॉइंट पर पहाड़ियों के बीच में बैठे देखा जा सकता है.
पाकिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस अभी भी बलोच विद्रोहियों के कब्जे में हैं. पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन के बीच अब तक 155 बंधकों को छुड़ाया जा चुका है और कई विद्रोहियों को मार गिराया जा चुका है. विद्रोहियों के कब्जे से छुड़ाए गए लोगों को ले जाने के लिए मालगाड़ी भेजी गई.
BLA ने कैसे दिया हमले को अंजाम?
पाकिस्तान के क्वेटा से जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन को दोपहर 1.30 बजे सिब्बी पहुंचना था. लेकिन बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ. ट्रेन जहां से गुजर रही थी, वह पहाड़ी इलाका है. यहां 17 सुरंगें हैं, जिस कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी करना पड़ी, जिसका फायदा उठाकर बीएलए ने माशफाक में टनल नंबर-8 को उड़ा दिया. इससे ट्रेन बेपटरी हो गई और ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया.
इस हमले को BLA ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया. BLA के लड़ाके पहले से ही घात लगाकर बैठे थे. हमले के लिए BLA ने अपने सबसे घातक लड़ाके मजीद ब्रिगेड और फतेह को तैयार किया था.
सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन की वजह से आतंकी दो समूहों में बंटे हुए हैं. बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मशकाफ टनल (Mashkaf Tunnel) में हाईजैक किया. यह टनल क्वेटा से 157 किलोमीटर की दूरी पर है. यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है.
हाईजैक हुई ट्रेन इस समय बोलन दर्रे में खड़ी है. यह पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है, जिस वजह से मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है. इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें भी हैं. इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि इन सब चुनौतियों के बावजूद सेना का मनोबल बना हुआ है.