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Ground Report: तंगहाली, बेबसी, और अराजकता.. श्रीलंका हो रहा खाली, पर्यटक लौटे

श्रीलंका में अब ये हालात हो चुके हैं कि तेल और बिजली की कमी से स्ट्रीट लाइट तक बंद की जा चुकी है. महंगाई के चलते हर जगह जनता सड़कों पर उतर आई है और सबकी एक ही मांग है कि राष्ट्रपति इस्तीफा दें.

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मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे श्रीलंका के लोग अब सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे श्रीलंका के लोग अब सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देश की जीडीपी का 12% टूरिज्म सेक्टर से आता है
  • श्रीलंका में मार्च से मई तक सबसे ज्यादा टूरिस्ट आते है

श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच एक और मुसीबत आ गई है. कोरोना महामारी के बाद बड़ी ही मुश्किल से पटरी पर लौटती टूरिज्म इंडस्ट्री एक बार फिर डूबती हुई नजर आ रही है. श्रीलंका में इन दिनों हालात को देखते हुए विदेशी पर्यटक देश को छोड़कर अपने-अपने मुल्क वापस लौट रहे हैं.

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बार-बार हो रही बिजली की कटौती, फ्यूल की कमी, खाने की कमी, आवश्यक वस्तुओं की किल्लत, आपातकाल और प्रदर्शनों से परेशान सैलानी अब श्रीलंका में नहीं रहना चाहते हैं. 

सैलानियों के जाने से छोटे और बड़े होटलों में ऑक्युपेंसी घटने लगी है और पीक सीजन होने के बावजूद भी अगले महीनों की बुकिंग नहीं आ रही है. बुकिंग न मिलने और घर लौटते विदेशी पर्यटकों के कारण होटल व्यापारी परेशान हैं. 

कैसे चुकाएंगे बैंक का कर्जा

होटल व्यापारी इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिरकार वह इस स्थिति में बैंक का कर्जा कैसे चुकाएंगे. विदेशी सैलानियों के लौटने से होटल में काम करने वाले लोगों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. आज तक श्रीलंका के उन होटलों 5 स्टार और 4 स्टार अस्पतालों में पहुंचा जहां पर 100 से 150 कमरों की बुकिंग हर साल होती है. लेकिन इस बार पूरा होटल खाली पड़ा है. 

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श्रीलंका के ज्यादातर होटल खाली पड़े हैं.

आज तक के साथ खास बातचीत करते हुए एक होटल व्यवसायी ने बताया कि उनके पास 50-60 कमरे हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 कमरे ही बुक हैं. ऐसे में उनके सामने वहां काम करने वालों के खर्चे निकाले में ही परेशानी हो रही है. 

एक होटल कर्मचारी ने बताया, विदेशों से आने वाले पर्यटक ज्यादा एसी कमरों मे ंरहते हैं, लेकिन बिजली किल्लत के कारण एसी नहीं चल पा रहा है. साथ-साथ बाकी चीजें भी जेनरेटर के जरिए काम रही हैं जो की डीजल से चलता है. फ्यूल की कमी के कारण डीजल भी बहुत महंगा मिल रहा है, ऐसे में वह अपने यहां आने वाले मेहमानों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहे हैं.'

श्रीलंका घूमने आए शैरी और अनीता ने बताया कि अब वह वापस अपने घर लंदन जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें श्रीलंका में बुनियादी आवश्यकताओं को पाने में भी परेशानी हो रही है. अनीता ने कहा कि एक दिन वह घूमने के बाद अपने होटल लौट रही थी. इसी दौरान बीच रास्ते में उनकी ट्रेन रूक गई और उन्हें 4 घंटों तक रास्ते में ही इंतजार करना पड़ा. 

देश की जीडीपी का 12% टूरिज्म सेक्टर से आता है

श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट ने वहां के पर्यटन को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, जो देश की जीडीपी का करीब 12% हैं. टूरिज्म से श्रीलंका को फॉरेन करंसी मिलने में मदद मिलती है.

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