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सीमा पर पकड़ी गईं महिलाओं से बच्चों को अलग कर सकता है अमेरिका

अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करते पकड़े जाने पर महिलाओं से उनके बच्चों को अलग कर दिया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से जुड़े तीन अधिकारियों ने इस तरह के प्रस्ताव की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि  जो महिलाएं अपने बच्चों के साथ अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रही हैं.

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बॉर्डर पर पकड़ी गई महिलाओं से बच्चों को अलग कर सकता है अमेरिका
बॉर्डर पर पकड़ी गई महिलाओं से बच्चों को अलग कर सकता है अमेरिका

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अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करते पकड़े जाने पर महिलाओं से उनके बच्चों को अलग कर दिया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से जुड़े तीन अधिकारियों ने इस तरह के प्रस्ताव की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि जो महिलाएं अपने बच्चों के साथ अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रही हैं. उनको अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक अलग कराया जा सकता है. इस प्रस्ताव का कारण माताओं का बच्चों के साथ अमेरिका में प्रवेश करने से रोकना है.

जब तक माता-पिता अपने निर्वासन के खिलाफ लड़ते हैं तब तक सरकार के पास उन्हें हिरासत में रखने का अधिकार होगा. इसके साथ ही बच्चों को तब तक स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग में सुरक्षित रूप से रखा जाएगा, जब तक उन्हें किसी अमेरिकी रिश्तदार या फिर राज्य द्वारा दिए गए अभिभावक के पास नहीं ले जाया जा सकता.

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वर्तमान नीति
अभी जितने भी परिवार वाले निर्वासन के खिलाफ लड़ रहे हैं, या फिर जो शरण के लिेए आवेदन कर रहे हैं. उनके लिए नीतियां आसान हैं. जब तक केस का नतीजा नहीं आ जाता तब तक वे अमेरिका में रह सकते हैं.

डेमोक्रेट्स ने किया इस प्रस्ताव का विरोध
टेक्सस डेमोक्रेट हेनरी क्यूलर ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. उनके जिले में मेक्सिको सीमा का 320 किमी इलाका आता है. उनका कहना है, 'बच्चों को उनकी माताओं से अलग करना गलत है. ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है. 1 अक्टूबर, 2016 से लेकर 31 जनवरी, 2017 तक 54 हजार बच्चों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले साल की तुलना में यह संख्या लगभग दुगनी है.'

कांग्रेस के रिपब्लिकन्स का तर्क है कि महिलाएं इतनी खतरनाक यात्रा करने को भी तैयार हैं. क्योंकि उनको यकीन है कि वे हिरासत से छूट जाएंगी. या फिर कोर्ट की सुनवाई होने में काफी साल लग जाएंगे. जबकि अप्रवासी अधिकार के वकीलों का कहना है कि केंद्रीय अमेरिका के हिंसा और गरीबी के हालात, महिलाओं को संयुक्त राज्य की तरफ पलायन करने के लिए मजबू्र करते हैं. इसलिए उन्हें शरण के लिए जगह देनी चाहिए.

कानूनी विचार
राष्ट्रीय अप्रवासन कानून केंद्र की कार्यकारी निदेशक मेरिलेना हिनसेपी का कहना है कि इस नई नीति को लागू करना, लोगों को जिंदगी भर के लिए आघात देना है. खासकर उन बच्चों को जिन्होंने अभी-अभी केंद्रीय अमेरिका से यह जोखिम भरा सफर तय किया है. हिनसेपी का यह भी कहना है कि सरकार को इस पॉलिसी को लागू करने से आव्रजन और परिवार कानून के आधार पर कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ओबामा प्रशासन ने भी इसी संदर्भ में एक नीति लागू की थी. जिसमें बच्चों और महिलाओं को रिहा करने से पहले, उन्हें परिवार हिरासत केंद्रों में 21 दिन से ज्यादा नहीं रखा जा सकता.

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