अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की धार्मिक भेदभाव खत्म करने की अपील के अगले ही दिन रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार माने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर ही बैन लगाने की पैरवी कर विवाद खड़ा कर दिया. साथ ही अपने प्रतिद्वंद्वियों को सुनहरा मौका भी दे दिया.
क्या है पूरा मसला
दरअसल ट्रंप की ओर से एक बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया कि अमेरिका में तब तक मुसलमानों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए जब तक कि देश के प्रतिनिधि यह पता न लगा लें कि आखिर यहां क्या चल रहा है. उन्होंने यह बयान प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर दिया. जबकि ओबामा ने सोमवार को ही राष्ट्र के नाम संबोधन में मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव खत्म करने की अपील की थी.
क्या कहती है प्यू की रिपोर्ट
ट्रंप के ही बयान में प्यू रिसर्च की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक प्यू ने पाया है कि मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी के बड़े हिस्से में अमेरिकी लोगों के लिए नफरत भरी है. 25 फीसदी लोगों ने माना कि अमेरिका में वहीं के लोगों के खिलाफ हिंसा ग्लोबल जिहाद का परिणाम है. 51 फीसदी ने कहा कि अमेरिका में मुसलमानों को शरिया को मानने की आजादी मिलनी चाहिए.
इस पर ट्रंप ने जारी किया यह बयान
ट्रंप ने कहा कि इस समस्या को समझना पड़ेगा कि यह नफरत आखिर फैल कहां से रही है . जब तक यह पता न चल जाए कि खतरा बना हुआ है और तब तक हमारा देश उन लोगों के हमलों का शिकार नहीं हो सकता जो सिर्फ और सिर्फ जिहाद में यकीन रखते हों और जिन्हें मानव जीवन के प्रति कोई सम्मान नहीं है.
हिलेरी क्लिंटन बोलीं- पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं ट्रंप
विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने इस बयान के लिए ट्रंप की निंदा की है. उन्होंने ट्रंप को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताते हुए उनके बयान को हास्यास्पद बताया है और कहा है कि ऐसे तो हम और असुरक्षित हो जाते हैं.
This is reprehensible, prejudiced and divisive. @RealDonaldTrump, you don't get it. This makes us less safe. -H https://t.co/SjAqL0clHd
— Hillary Clinton (@HillaryClinton) December 7, 2015