अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंसास में हुई फायरिंग की निंदा की है. इस हमले में 1 भारतीय इंजीनियर की मौत हो गई थी और दो घायल हुए थे. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रवासियों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले की निंदा करते हैं. बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस में कंसास शूटिंग के पीड़ितों के लिए एक मिनट का मौन भी रखा गया. अमेरिकी संसद में अपने संबोधन में भी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस तरह की घृणित सोच की निंदा करता है.
'घृणा वाले विचारों के लिए अमेरिका में जगह नहीं'
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति की संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिनके लोग इस नृशंस हमले का शिकार हुए हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. जैसे तथ्य सामने आए हैं उनसे साफ होता है कि ये नफरत फैलाने वाला कदम है. राष्ट्रपति इस तरह की सोच की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं. हमारे देश में इस तरह की सोच के लिए कोई जगह नहीं है.
क्या कहना है भारतीय समुदाय के लोगों का?
इस बीच, भारतीय अमेरिकियों ने अमेरिका की संघीय एवं राज्य सरकारों से ऐसे उपाय करने को कहा है ताकि पिछले हफ्ते संभवत: नस्ली घृणा के चलते कन्सास शहर में एक भारतीय इंजीनियर की गोली मारकर हत्या करने के बाद भारतीय समुदाय में विश्वास बहाली हो सके.
इंडियन अमेरिकन फोरम फार पालीटिकल एजुकेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्पत शिवांगी ने एक बयान में कहा, ‘‘समुदाय के लिए समय आ गया है कि एकजुट हो जाए तथा इस प्रकार की त्रासदी को रोकने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करें.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी संसद ने सालों पहले जो राष्ट्रव्यापी घृणा अपराध विधेयक पारित किया था उसके प्रचार के मामले में फोरम आगे था. किन्तु कन्सास में इस प्रकार का कानून नहीं है.
शिवांगी ने कहा, ‘‘हमें अमेरिकी संसद और हमारे नये राष्ट्रपति के साथ काम करना चाहिए ताकि वे दबाव डाल सके जिसके चलते ऐसे घृणित कृत्यों की भर्त्सना हो सके.’’ इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के महासचिव हरबचन सिंह ने एक बयान में 32 वर्षीय श्रीनिवास कुचीभोटला की हत्या की भर्त्सना की. अमेरिकी नौसेना के पूर्व कर्मी एडम पुरिनटान ने श्रीनिवास एवं एक अन्य भारतीय पर गोलियां चलाने से पहले चिल्लाते हुए कहा, ‘‘मेरे देश से निकल जाओ.’’