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रिफ्यूजी सरायों पर ताला, सायरन और घुसपैठ का सीढ़ी रूट... क्या चल रहा उस बॉर्डर पर जहां ट्रंप ने लगाई इमरजेंसी?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी हो चुकी है. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर आपातकाल घोषित करने का ऐलान किया. इससे साफ है कि वह देश में दाखिल हो रहे अवैध प्रवासियों को लेकर गंभीर हैं. ऐसे में अमेरिका से सटे मेक्सिको बॉर्डर पर हलचल मची हुई है. 

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ट्रंप के फैसले से मची हलचल
ट्रंप के फैसले से मची हलचल

जल्दी करो, जल्दी करो, जल्दी करो... दीवार पर लगी सीढ़ी पर चढ़कर दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रही जिम्बाब्वे की एक युवती से यह शब्द बार-बार कहे जा रहे थे. जगह थी अमेरिका और मेक्सिको बॉर्डर. नजारा था डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद देश की दक्षिणी सीमा पर मची हलचल का.

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स्टील की बनी यह दीवार अमेरिका के कैलिफोर्निया को मेक्सिको के तिजुआना शहर से अलग करती है. ट्रंप के आदेश के बाद आलम ये है कि सीमा पर रिफ्यूजी कैंप बंद हो गए हैं. कई शेल्टर्स पर ताले लग गए हैं. दूसरी ओर से लोग सीढ़ियां लगाकर अमेरिकी सीमा में दाखिल हो रहे हैं. रह-रहकर इलाके में सायरन की आवाजें गूंज रही हैं.

मेक्सिको

वेनेजुएला की एक महिला कैथरीन रोमेरो ने बताया कि वह गुस्से में हैं, वह दुखी हैं और वह अब हर इमोशन को फील कर रही हैं. वह कहती हैं कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि ये असल में हो रहा है. 

अमेरिका से प्रवासियों को मिला झटका

ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के कुछ घंटों के भीतर ही CBP One मोबाइल ऐप को बंद कर दिया है. इस मोबाइल ऐप को यूएस कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन ने लॉन्च किया था.  इस ऐप के जरिए लाखों अवैध प्रवासियों को लीगल स्टेटस दिया जाता है. अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर शरण लेने वाले बढ़-चढ़कर इस ऐप का इस्तेमाल करते रहे हैं. 

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लेकिन अमेरिकी सीमा में दाखिल होने का इंतजार कर रहे प्रवासियों को सोमवार को उस समय झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ लेने के थोड़ी देर बाद ही अमेरिका में सभी तरह के Asylum Appointments रद्द कर दिए हैं और सीमा को जल्दी ही सील किया जा रहा है. ट्रंप के आदेश पर इस ऐप को भी बंद कर दिया गया है, जिससे बॉर्डर पर प्रवासी परेशान नजर आए.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी हो चुकी है. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर आपातकाल घोषित करने का ऐलान किया. इससे साफ है कि वह देश में दाखिल हो रहे अवैध प्रवासियों को लेकर गंभीर हैं. ऐसे में अमेरिका से सटे मेक्सिको बॉर्डर पर हलचल मची हुई है. 

मेक्सिको

ट्रंप ने सेना को आदेश दिया है कि वह सीमाओं को सील कर दें क्योंकि इन सीमाओं से अवैध तरीके से ड्रग्स अमेरिका में लाया जा रहा है.अन्य मुल्कों से लोग अवैध तरीके से अमेरिकी सीमा में दाखिल हो रहे हैं और यहां अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं. 

इसके साथ ही ट्रंप ने आदेश दिए हैं कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर अतिरिक्त बैरियर बनाए जाएंगे. इस बीच अमेरिका के कैलिफोर्निया की सीमा से सटे मेक्सिको के तिजुआना के माइग्रेंट शेल्टर्स में हलचल बढ़ गई है. ट्रंप के मास डिपोर्टेशन प्लान की वजह से प्रवासियों में चिंता बनी हुई है.

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मेक्सिको के इस सीमावर्ती शहर तिजुआना में 30 से ज्यादा शेल्टर्स हैं. लेकिन इन शेल्टर्स की हालात बेहद खराब है. जगह और संसाधनों की कमी और अनिश्चितता असल मुद्दे हैं.

ये भी पढ़ें- फ्लोरिडा की ट्रिप और ट्रंप की जिद... कहानी अमेरिका के 'शीशमहल' की

रिपोर्ट के मुताबिक, तिजुआना में जार्डिन डे लास मैरिपोसास शेल्टर के निदेशक सी. जेमी मैरिन ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ट्रंप के संभावित मास डिपोर्टेशन से मानवीय संकट खड़ा हो सकता है. इसे लेकर अभी भारी उथल-पुथल है. 

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि तिजुआना में फिलहाल कितने माइग्रेंट्स हैं. सरकारी डेटा से पता चला है कि जनवरी से अगस्त 2024 तक 30,000 से अधिक प्रवासी यहां पर थे. मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम ने तीन जनवरी को कहा था कि कई प्रवासियों ने अपने मुल्क लौटने का फैसला किया है. 

बता दें कि अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर के जरिए अमेरिका में अवैध रूप से आना सबसे आम रहा है. इस इलाके के दायरे में चार अमेरिकी और मेक्सिको के छह राज्य आते हैं. रेगिस्तान, नदी और पहाड़ों के बीच फैली इस सीमा का ज्यादातर हिस्सा खुला हुआ है, यानी न तो पक्की पेट्रोलिंग है, न ही कोई दीवार या बाड़. यही बात घुसपैठियों के हित में जाती है. बीते तीन दशकों में ये बॉर्डर अवैध रूप से एंट्री के लिए कुख्यात रहा है.

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मालूम हो कि ट्रंप ने 2017 में अपने पहले कार्यकाल में भी अवैध प्रवासियों को अमेरिका आने से रोकने के लिए मेक्सिको सीमा पर दीवार का निर्माण कराया था लेकिन 2021 में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर इस पर रोक लगा दी गई थी.

ट्रंप की शपथ ग्रहण में टूटे कई रिकॉर्ड

बता दें कि ट्रंप ने सोमवार को कैपिटल हिल के रोटुंडा हॉल में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उनसे पहले जेडी वेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. 

ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की. उन्होंने कहा कि अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं.

उन्होंने सोमवार को कई कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश का उद्देश्य फेडरल सरकार द्वारा अमेरिकी लोगों पर सेंसरशिप को तुरंत समाप्त करना है.

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद कई रिकॉर्ड टूटे हैं. उन्होंने इनडोर समारोह में शपथ ग्रहण की जो कि अमेरिकी इतिहास में दूसरी बार हुआ. ये फैसला कड़ाके की ठंड के बाद लिया गया था.

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