सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट में कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों द्वारा इस्तेमाल की जा चुकी 80 साल पुरानी मेज आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता का अहम हिस्सा बनी.
सेंटोसा द्वीप के कैपेला सिंगापुर होटल में हुई शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेताओं और उनकी टीमों ने सागौन की लकड़ी से बनी इस ऐतिहासिक मेज का इस्तेमाल किया. बाद में ट्रंप और किम ने 4.3 मीटर लंबी इसी मेज पर संयुक्त बयान पर दस्तखत किए.
स्थानीय कारीगरों ने 1939 में सुप्रीम कोर्ट के लिए यह मेज डिजाइन की थी. दि स्ट्रेट टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शिखर वार्ता के लिए अमेरिकी दूतावास को यह मेज उधार दी गई थी. इसे अक्सर सिंगापुर नेशनल गैलरी की तीसरी मंजिल पर बने मुख्य न्यायाधीश के चैंबर में रखा जाता है.
(फोटो: सिंगापुर नेशनल गैलरी)
इस मेज ने 1963 में सिंगापुर के पहले एशियाई मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति सहित देश के इतिहास में कई अहम पल देखे हैं.
दुनिया की शांति के लिए करार
सिंगापुर की इस ऐतिहासिक मुलाकात में किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप पहली बार आमने-सामने हुए तो दुनिया भर के विशेषज्ञों की नजर दोनों के हाव-भाव पर थी. दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए हैं. इसमें परमाणु हथियारों के खात्मे का अहम करार भी शामिल है.
उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण पर ट्रंप ने कहा कि हमने एक 'विशेष अनुबंध' तैयार किया है और जल्द ही निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया बहुत ही जल्द शुरू हो जाएगी. वहीं, किम जोंग उन ने कहा कि हमने अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का फैसला किया है और दुनिया बड़ा बदलाव देखेगी.
दोनों ने साथ में किया लंच
दोनों नेताओं ने बातचीत के बाद साथ में लंच भी किया. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि किम जोंग से उनकी बैठक उम्मीद से बेहतर हुई है. इसके अलावा दोनों नेता बैठक के बाद रिजॉर्ट के अंदर टहलते हुए भी दिखाई दिए.
41 मिनट चली पहली मुलाकात
सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच 41 मिनट तक वन-ऑन-वन मुलाकात हुई. ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है. अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं.