अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर भड़के हुए हैं. वह हूती विद्रोहियों पर इस कदर गुस्सा हैं कि उनके आदेश पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए गए हैं, जिसमें अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है.
ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को कह दिया है कि अगर उनकी गतिविधियां नहीं रुकी तो वे उनकी जिंदगी को नरक से भी बदतर कर देंगे. इतना ही नहीं ट्रंप ने हूती विद्रोहियों का समर्थन करने पर ईरान को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि हूतियों के समर्थन को तुरंत बंद करना होगा.
व्हाइट हाउस ने कहा कि लाल सागर में अमेरिकी जहाजों पर हूती के हमलों से रक्षा के लिए राष्ट्रपति ट्रंप सख्त एक्शन ले रहे हैं. बहुत लंबे समय से अमेरिका के आर्थिक और राष्ट्रीय हितों को हूतियों से खतरा रहा है लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए अब यह नहीं होगा. लेकिन सवाल है कि ट्रंप अचानक हूती विद्रोहियों पर इतना भड़के हुए क्यों हैं?
ट्रंप ने कहा कि आज मैंने यमन में हूती आतंकियों के खिलाफ अमेरिका के सैन्य हमले को मंजूरी दे दी. हूतियों ने लाल सागर में अमेरिका और अन्य देशों के खिलाफ आतंक छेड़ा हुआ है. हमारे जहाजों और एयरक्राफ्ट पर ये लोग हमले कर रहे हैं. इनके प्रति बाइडेन का रवैया कमजोर था, जिस वजह से हूतियों के इरादे बुलंद हुए.
उन्होंने कहा कि एक साल से अधिक समय से अमेरिका का कोई भी व्यावसायिक जहाज सुरक्षित तरीके से लाल सागर की सुएज नहर से होकर नहीं गुजरा है. अमेरिका का आखिरी युद्धपोत इस रूट से चार महीने पहले गुजरा था, जिस पर हूती विद्रोहियों ने दर्जनभर से ज्यादा हमले किए थे. ईरान समर्थित हूती विद्रोही अमेरिकी जहाजों पर मिसाइल से हमला करते हैं. इससे हमारी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा है और निर्दोष लोगों की जिंदगी को भी खतरा हुआ है.
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी जहाजों पर हूती हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक हम हमारे उद्देश्य में सफल नहीं हो जाते, हम सैन्य हमला जारी रखेंगे. मैं हूती विद्रोहियों से कहना चाहता हूं कि तुम्हारा समय पूरा हो गया है और अब तुम्हारे हमले रोकने होंगे. अगर तुम्हारे हमले नहीं रुकेंगे तो तुम दोजख की आग में जलोगे.
बता दें कि जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सेना द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला है. ये हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका तेहरान पर आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है और उसे अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत के लिए राजी करने की कोशिश कर रहा है.
लाल सागर में इतने आक्रामक क्यों हैं हूती विद्रोही?
यमन के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोहियों लगातार लाल सागर में लगातार अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल के व्यावसायिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. पिछले साल के आखिरी कुछ महीनों में ही हूती विद्रोहियों ने लाल सागर गलियारे में 70 से अधिक जहाजों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया था.
हूती विद्रोहियों ने समय-समय पर लाल सागर में कई बार मालवाहक जहाजों को हाइजैक भी किया है. नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने कब्जे में ले लिया था. उनका कहना था कि ये इजराइल का है. हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है. इसके लिए उन्होंने यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाके से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है.
हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे इजराइल, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े जहाजों को निशाना बनाते हैं, ताकि गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध समाप्त करने का दबाव बनाया जा सके. वहीं, इन हमलों को लेकर अमेरिका का कहना है कि हूती विद्रोही लाल सागर में लगातार उनके युद्धपोतों को निशाना बना रहे हैं.