न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में शुक्रवार को एक संदिग्ध ने अंधाधुंध फायरिंग की. इस फायरिंग में 49 लोगों की मौत हो गई. बता दें संदिग्ध ब्रेंटेन टैरेंट ने मस्जिद में फायरिंग की और इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की. यह हमला तब हुआ जब मस्जिद में काफी लोग मौजूद थे. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक हमलावर ब्रिटिश मूल का 28 वर्षीय युवक ब्रेंटन टैरेंट है जो ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है.
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि न्यूजीलैंड की मस्जिदों में हुआ ये नरसंहार नहीं दर्शाता कि विश्व में श्वेत राष्ट्रवाद, एक बढ़ती समस्या है. राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को अपने ओवल के कार्यालय में कहा कि उन्हें सच में ऐसा नहीं लगता कि श्वेत राष्ट्रवाद एक बढ़ती समस्या है. उनका मानना है कि यह लोगों का एक छोटा ग्रुप है जो श्वेत राष्ट्रवाद चाहता है.
डोनाल्ड ट्रंप को दि ग्रेट रिप्लेसमेंट कहा हमलावर ने
हमलावर टैरेंट ने इस आतंकी हमले के पहले एक मैनिफेस्टो लिखा था, जिसमें उसने हजारों यूरोपीय नागरिकों की आतंकी हमलों में गई जान का बदला लेने के साथ श्वेत वर्चस्व (White Supremacy)को कायम करने के लिए अप्रवासियों को बाहर निकालने की बात की है. ब्रिटेन के अखबार दि सन के मुताबिक हमलावर ने अपने मैनिफेस्टो 'दि ग्रेट रिप्लेसमेंट' में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नए सिरे से श्वेत पहचान और साझा उद्देश्य का प्रतीक बताया. इस पर ट्रम्प से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने घोषणापत्र पढ़ा है, उन्होंने मना कर दिया यह कहके कि मैंने इसे नहीं पढ़ा.
पश्चिमी देश बढ रहे हैं इस्लामोफोबिया: हसन रूहानी
वहीं न्यूजीलैंड हमले के बाद ईरान ने पश्चिमी सरकारों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का लगाया आरोप लगाया है. बता दें कि ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में फायरिंग में मारे जाने और कई लोगों के घायल होने के बाद पश्चिमी सरकारों पर इस्लामोफाबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. सरकारी वेबसाइट से शुक्रवार को जारी एक बयान में राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि गोलीबारी दर्शाती है कि कुछ पश्चिमी सरकारें पश्चिम में इस्लामोफोबिया (इस्लाम से डर) को बढ़ावा दे रही हैं. जिसका हम सबको मिलकर मुकाबला करने की आवश्यकता है.
हमलावर कई बार तुर्की आया और लंबे समय तक यहां रुका
इस बीच ईरान कि राजधानी अंकारा ने हमलावर के कई बार तुर्की आने के संबंध में अपनी जांच शुरू कर दी है. तुर्की के एक अधिकारी ने बताए कि मामले में गिरफ्तार ऑस्ट्रेलियाई कई बार तुर्की आया और लंबे समय तक यहां रहा है. नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा हमें लगता है कि हमलावर बाकी देश जैसे यूरोप, एशिया और अफ्रीका भी गया था. इस बीच अधिकारी ने बताया कि हमलावर की गतिविधियों और देश में उसके संबंधों का पता लगाया जा रहा है.