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ट्रंप की इमरान को चिट्ठी- शांति के लिए तालिबान से बातचीत में मदद करे PAK

बीते दिनों अमेरिका ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को छावनी शहर ऐबटाबाद के पास छिपने में मदद की थी. लेकिन अब पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने एक चिट्ठी में तालिबान को बातचीत की मेज तक लाने में पाकिस्तान का सहयोग मांगा है.

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PAK पीएम इमरान (फोटो- AP)
PAK पीएम इमरान (फोटो- AP)

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिखकर संकटग्रस्त अफगानिस्तान में 17 साल से चल रहे भयानक युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान को बातचीत की मेज तक लाने में पाकिस्तान की मदद मांगी है.

राष्ट्रपति ट्रंप की यह चिट्ठी एक हफ्ते पहले दिए गए उनके बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान, अमेरिका के लिए कुछ भी नहीं करता है. साथ ही आरोप लगाया था कि उसने अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को छावनी शहर ऐबटाबाद के पास छिपने में मदद की थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने एक पत्र में तालिबान को बातचीत की मेज तक लाने में पाकिस्तान का सहयोग मांगा है.

मंत्रालय ने कहा कि चिट्ठी में ट्रंप ने कहा है कि उनकी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय प्राथमिकताओं में अफगान युद्ध को बातचीत के जरिए हल करना शामिल है. इस संबंध में उन्होंने पाकिस्तान से सहायता और इस प्रक्रिया को सहज बनाने की मांग की है. राष्ट्रपति ने यह भी स्वीकार किया कि अमेरिका और पाकिस्तान दोनों को युद्ध की कीमत चुकानी पड़ी है और जोर देकर कहा कि दोनों ही देशों को साथ काम करने और नए सिरे से साझेदारी करने के मौके तलाशने चाहिए.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अफगान मुद्दे का राजनीतिक हल निकालने के तरीके तलाशने के फैसले का स्वागत करता है.

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बीते दिनों इमरान खान ने अमेरिका के हमले पर पलटवार करते हुए कहा था कि अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाय अमेरिका को इस बात का गंभीर मूल्यांकन करना चाहिए कि अफगानिस्तान में 140,000 नाटो सैनिकों और 250,000 अफगान सैनिकों को लगाने और एक हजार अरब डॉलर खर्च करने के बाद भी तालिबान पहले से आज अधिक मजबूत क्यों है.

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