अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ईरान पर सैन्य कार्रवाई नहीं करना चाहते, लेकिन ईरान की परमाणु मिसाइल क्षमताओं को लेकर दोनों देशों के बीच कायम तनाव को लेकर "हमेशा इस तरह की संभावना' बनी हुई है. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से मिसाइल और परमाणु मुद्दे को लेकर अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ने ईरान से पेट्रोलियम और बाकी उत्पाद आयात करने वाले देशों पर भी बैन लगा दिया है. इसके अलावा अमेरिका ने ईरान की खाड़ी के पास अपना युद्धपोत भी भेज दिया है. इस तनाव से क्षेत्र में कारोबार पर भी असर पड़ रहा है.
लंदन में बुधवार (5 जून) को प्रसारित आईटीवी के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रिंस चार्ल्स के साथ जलवायु परिवर्तन के बारे में एक लंबी चर्चा की. बातचीत में ट्रंप ने कहा कि हालांकि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, लेकिन वह मानते हैं कि मौसम में बदलाव आ रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक राजकीय यात्रा पर ब्रिटेन पहुंचे ट्रंप ने शाही परिवार से मुलाकात की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि शाही परिवार के प्रिंस हैरी एक डरे हुए व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी पत्नी मेघन को उनसे (ट्रंप से) इसलिए नहीं मिलवाया क्योंकि वह खराब आदमी हैं. ट्रंप का कहना था कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़-मड़ोकर पेश किया. उन्होंने कहा कि उन्हें वास्तव में लगता है कि प्रिंस हैरी की पत्नी 'बहुत अच्छी' हैं.
असल में, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान कई सवालों के बेबाक जवाब दिए. इसी इंटरव्यू में उन्होंने उपरोक्त बातें भी कहीं. इसी दौरान उनसे अमेरिका में बंदूक को लेकर बने कानूनों पर सवाल किए गए. ट्रंप से यह भी सवाल किया गया कि यदि ब्रिटेन के विपक्षी नेता जेरेमी कॉर्बिन प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो क्या वह उनके साथ व्यापार सौदा करेंगे? इस पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यह दूर की कौड़ी है.
अमेरिका-ईरान के रिश्तों में क्या है तल्खी
असल में अमेरिका और ईरान के रिश्ते आजकल ठीक नहीं हैं. पिछले वर्ष नवंबर में अमेरिका ने वे सभी प्रतिबंध दोबारा लगा दिए थे जो 2015 में हुए परमाणु समझौते के बाद हटा लिए गए थे. ट्रंप ने इस समझौते की आलोचना करते हुए पिछले वर्ष मई में अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया था. 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए जाने के एवज़ में अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमत हुआ था.
तब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि यह समझौता ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकेगा. लेकिन मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का तर्क है कि समझौते की शर्तें अमेरिका के लिए अस्वीकार्य हैं क्योंकि यह समझौता ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने और पड़ोसी देशों में दखल देने से नहीं रोक पाया है. इन प्रतिबंधों के तहत अमेरिका उन देशों के खिलाफ भी कठोर क़दम उठा सकता है जो ईरान के साथ कारोबार जारी रखेंगे.