scorecardresearch
 

H-1B वीजा: ट्रंप के नए कार्यकारी ऑर्डर से भारतीय आईटी कंपनियों को तगड़ा झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आईटी कंपनियों को तगड़ा झटका देते हुए 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' कार्यकारी आदेश जारी कर दिया है. अब अमेरिका में कंपनियों के लिए वहां के नागरिकों को नौकरियों में प्राथमिकता देनी पड़ेगी.

Advertisement
X
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

Advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आईटी कंपनियों को तगड़ा झटका देते हुए 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. इसका मकसद अमेरिका में कंपनियों के लिए वहां के नागरिकों को नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए बाध्य करना है. ट्रंप प्रशासन की दलील है कि H-1B वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान इस वीजा के दुरुपयोग को रोकने का वादा किया था. उनके इस कदम से सबसे ज्यादा भारतीय आईटी कारोबारी प्रभावित होंगे.

ट्रंप ने विस्कॉन्सिनर में स्नैप-ऑन टूल के मुख्यालय पर छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित करने के बाद यह दस्तखत किए. ट्रंप के नए आदेश के बाद H-1B वीजा के दुरुपयोग की समीक्षा की जाएगी. भारतीय आईटी पेशेवरों में H-1B वीजा बेहद लोकप्रिय है. इस आदेश से भविष्य में भारतीय आईटी पेशेवरों को अमेरिका में नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा. ट्रंप का कहना है कि H-1B वीजा के जरिए अमेरिकियों की नौकरियां छीनी जा रही थीं, जिसको रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. इससे पहले एच-1बी वीजा देने में सख्ती बरतने का एलान यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस ने किया था. ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान एच1बी वीजा के नियम को कड़े करने का वादा किया था.

Advertisement

कम सैलरी पर मिल जाते थे भारतीय
इस वीजा के जरिए अमेरिकी और भारतीय आईटी कंपनियों को कम सैलरी पर कर्मचारी मिल जाते हैं. ऐसे में ये कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी देने की बजाय कम सैलरी में विदेशियों कर्मचारियों को रख लेती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक 80 फीसदी लोग जो काम करते हैं, उनको निर्धारित वेतन से कम दिया जाता है. अमेरिका में हर साल 85 हजार विदेशियों को H-1B वीजा जारी किया जाता रहा है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या भारतीय आईटी कारोबारियों की होती है.

150 अरब डॉलर का है भारतीय आईटी इंडस्ट्री का कारोबार
भारतीय आईटी इंडस्ट्री का कारोबार 150 अरब डॉलर का है. भारतीय आईटी कंपनियों को पिछले साल 64.8 अरब डॉलर का राजस्व हासिल हुआ था. ऐसे में अगर कंपनियों को अमेरिकी कर्मचारियों को रखना पड़ेगा, तो उनको ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. साथ ही उनके फायदे में कटौती होगी.

संघीय एजेंसियों को अमेरिकी कंपनियों से खरीदने होंगे सामान
ट्रंप के इस आदेश के बाद अब अमेरिकी संघीय एजेंसियों के लिए अमेरिकी कंपनियों से सामान खरीदना जरूरी होगा. इसके अलावा अमेरिकियों को नौकरी में प्राथमिका देनी होगी. हालांकि अमेरिकी और भारतीय आईटी कंपनियों का कहना है कि अमेरिका के लोग आईटी क्षेत्र में नौकरी करने के इच्छुक नहीं होते हैं. लिहाजा विदेशियों को इन नौकरियों में रखा जाता है. इसके अलावा इनको अमेरिकियों की तुलना में विदेशी कारोबारियों को कम सैलरी देनी होती है. वहीं, ट्रंप और उनके इस संरक्षणवादी नीति के समर्थकों का कहना है कि कंपनियों की यह दलील सच नहीं है.

Advertisement

विदेशी प्रतिभाओं को अमेरिका आने से रोकना मकसद नहीं
ट्रंप के इस आदेश का मकसद विदेशी प्रतिभाओं को अमेरिका में आने से रोकना नहीं है, बल्कि इसके दुरुपयोग को रोकना है. साथ ही अमेरिकियों की नौकरियों को सुरक्षित करना है. ट्रंप के आदेश से कम कुशल कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. इस वीजा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल भारतीय आईटी प्रोफेशनल द्वारा किया जाता है. नई अमेरिकी सरकार की इस सख्ती से भारतीय आईटी सेक्टर को काफी नुकसान होगा.

क्या है एच1बी वीजा
एच1बी वीजा ऐसे विदेशी पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है, जो ऐसे 'खास' कामों के लिए स्किल्ड होते हैं. अमेरिकी सिटीजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, इन 'खास' कामों में वैज्ञानिक, इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर शामिल हैं. हर साल करीब 85000 को ऐसे वीजा जारी किए जाते हैं. आईटी कंपनियां इन प्रोफेशनल पर ज्यादा निर्भर होती है. कुल वीजा लॉटरी सिस्टम से जारी किए जाते हैं, जिसको ट्रंप प्रशासन इस वीजा का सबसे बड़ा दुरुपयोग बताते हैं.

H-2B वीजा पर कोई बदलाव नहीं
ट्रंप के इस नए आदेश का कृषि समेत अन्य क्षेत्र में काम करने वाले अमेरिकी सीजनल वर्कर वीजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह वीजा कृषि के मौसम में विदेशियों को काम करने के लिए दिया जाता है, जो एक निर्धारित समय के लिए होता है. इसके अलावा ट्रंप के आदेश में H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी को मिलने वाले H-4 वीजा को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement