डोनाल्ड ट्रंप के सिर पर अब आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति का ताज सज गया है. ताज पहनते ही ट्रंप ने ताबड़तोड़ कई फैसले लिए हैं. लेकिन इन फैसलों के जरिए ट्रंप ने सबसे बड़ा झटका अपने दो पड़ोसी देशों कनाडा और मेक्सिको को दिया है.
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ओवल ऑफिस पहुंचकर अपने साल का विजन पेश किया. इस विजन में उन्होंने साफ किया कि वह चाहते हैं कि दुनिया उन्हें शांतिदूत के तौर पर याद रखें. उन्होंने कहा कि मेरे शपथ लेते ही अमेरिका के पतन का दौर अब खत्म हो गया है लेकिन अब यहीं से अमेरिका के विकास की कहानी शुरू होती है.
राष्ट्रपति ट्रंप की दो टूक है कि वह ऐसा अमेरिका बनाने चाहते हैं, जो अन्य मुल्कों से बहुत आगे हो. वह अमेरिका को दोबारा अमीर, विकसित और महान बनाना चाहते हैं. लेकिन अमेरिका की तरक्की के लिए उन्होंने सबसे पहले कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही.
ट्रंप ने कहा है कि वे कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगा सकते हैं. हालांकि ये फैसला लगभग 10 दिन बाद एक फरवरी से लागू होगा. इस फैसले की वजह से कनाडा-मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सामान पर बिजनेसमैन को 25 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा.
अगर ट्रंप ये फैसला लागू करते हैं तो अमेरिका का अपने पड़ोसियों के साथ ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है. क्योंकि कनाडा ने भले ही कहा हो कि वो अमेरिका से सामान्य रिश्ते चाहता है लेकिन अगर ट्रंप टैरिफ बढ़ाते हैं तो कनाडा और मेक्सिको की सरकारों को भी यही कदम उठाना पड़ेगा.
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बता दें कि ट्रंप ने सोमवार को कैपिटल हिल के रोटुंडा हॉल में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उनसे पहले जेडी वेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली.
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं.
उन्होंने सोमवार को कई कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश का उद्देश्य फेडरल सरकार द्वारा अमेरिकी लोगों पर सेंसरशिप को तुरंत समाप्त करना है.
ट्रंप की शपथ ग्रहण में टूटे कई रिकॉर्ड
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद कई रिकॉर्ड टूट गए हैं. उन्होंने इनडोर समारोह में शपथ ग्रहण की जो कि अमेरिकी इतिहास में दूसरी बार हुआ. ये फैसला कड़ाके की ठंड के बाद लिया गया था. अमेरिका में कड़ाके की ठंड के बावजूद उनके समर्थक वाशिंगटन डीसी पहुंचे थे.