तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आए भूकंप के बाद इमारतों के मलबे से शवों के निकलने का सिलसिला जारी है. इस भूकंप ने तुर्की के कई शहरों के तबाह कर दिया है. इस आपदा में जिंदा बचे हुए कई लोग बेघर हो गए हैं. दोनों देशों में मलबे से 40 हजार से ज्यादा के शवों को निकाला जा चुका है. वहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से बताया गया है कि सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने जा रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, तुर्की में बीते मंगलवार को मलबे से 9 लोगों को बचाया गया. अब रेस्क्यू उन लोगों पर केंद्रित हो गया है, जिनके पास इस कड़कड़ाती हुई सर्दी में भोजन और रहने की व्यवस्था नहीं है. तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा कि भूकंप के बाद अब हालात नियंत्रण में हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति ने बताया कि भूकंप से मरने वालों की संख्या 35,418 हो गई है. एर्दोगन ने बताया कि 2 करोड़ से ज्यादा लोग पहले ही प्रभावित इलाकों को छोड़ चुके हैं और सैकड़ों इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं. एर्दोगन ने अंकारा में एक टीवी भाषण में कहा, "हम न केवल अपने देश में बल्कि मानवता के इतिहास में भी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहे हैं."
मरीजों की प्रकृति में बदलाव
तुर्की में राहत और बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना की मेजर बीना तिवारी ने कहा कि शुरुआत में मरीज शारीरिक चोटों के साथ आए थे, लेकिन ये बदल रहा है. उन्होंने कहा कि भूकंप के दौरान हुए सभी झटकों के बाद अब पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के मरीज आ रहे हैं.
सीरिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता का पहला काफिला बाब अल-सलाम क्रॉसिंग के माध्यम से तुर्की से विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम सीरिया में प्रवेश किया. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की सहायता को तुर्की से दो और सीमा पार से प्रवेश करने की अनुमति दी.
सीरिया में 5800 से ज्यादा मौतें
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीरिया में 5814 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सीरिया में लगभग 9 मिलियन लोग भूकंप से प्रभावित हुए थे क्योंकि इसने 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग अपील की थी.
भारत की ओर से भेजी गई राहत सामग्री
तुर्की और सीरिया में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं, जो रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर इलाज तक कर रही हैं. सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए तुर्की और सीरिया में मोबाइल, अस्पताल, दवाइयां और कई राहत सामग्रियों से भरी 5 फ्लाइट भेजी जा चुकी हैं. इसके अलावा एक C-130 जे विमान पर भी राहत सामग्री भेजी गई है.
लगातार 5 झटकों से दहला तुर्की
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया था, जिसकी रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वीं झटका आया.