सीनेट में बुधवार को अंतिम मतदान के बाद तुलसी गबार्ड को आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (Director of National Intelligence - DNI) के रूप में चुन लिया गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें इस विभाग के लिए नामित किया था. इसके साथ ही भारतीय मूल की गबार्ड अब अमेरिका की 18 खुफिया एजेंसियों की प्रमुख बन गई हैं, जो देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर काम करती हैं.
ट्रंप के सहयोगियों, जिनमें एलन मस्क भी शामिल हैं, द्वारा किए गए ठोस प्रयास के बाद गबार्ड के नाम पर मुहर लगी है. सीनेट में उन्हें रिपब्लिकन का भी समर्थन प्राप्त हुआ. 52 में से 48 लोगों ने गबार्ड के पक्ष में मतदान किया. यह वोटिंग ट्रंप के लिए उनके प्रशासन के नामांकितों के लिए सीनेट की मंजूरी में तेजी लाने के प्रयासों में एक और जीत का प्रतीक है.
11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद उजागर की गई खुफिया विफलताओं को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का कार्यालय बनाया गया था. इसी की जिम्मेदारी अब गबार्ड संभालेंगी.
साल 2022 में छोड़ी थी डेमोक्रेट पार्टी
गबार्ड, साल 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़कर इंडिपेंडेट चुनाव भी लड़ा था. वह, ट्रंप की संभावित उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में भी देखी जा रही थीं. वे अब अमेरिका की शीर्ष इंटेलिजेंस अधिकारी बनी हैं और अवरील हेन्स की जगह लेंगी. उनके नाम की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा था, "मुझे विश्वास है कि तुलसी अपने साहसी स्वभाव को हमारी इंटेलिजेंस कम्युनिटी में भी लाएंगी, हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगी और शक्ति के माध्यम से शांति को बढ़ावा देंगी."
इंटेलिजेंस का नहीं है बहुत अनुभव
गबार्ड के पास इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बहुत अधिक अनुभव नहीं है और उन्हें इस पद के लिए चुना जाना अपेक्षित नहीं था, हालांकि, उन्होंने 2004 से 2005 के बीच इराक में हवाई नेशनल गार्ड में मेजर के रूप में सेवा की थी और अब यूएस आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. 2020 में, उन्होंने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पेश की थी, जो बाद में जो बाइडेन ने जीती, और फिर उन्होंने बाइडेन का समर्थन किया. डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने के बाद, गबार्ड बाइडेन प्रशासन की बढ़ती आलोचक बन गईं और अक्सर रूढ़िवादी टीवी और रेडियो शो में नजर आईं, जहां उन्होंने अलगाववादी नीतियों का समर्थन किया और "वोकनेस" का विरोध करते हुए लोकप्रियता हासिल की.