ट्रंप सरकार की बड़ी नियुक्तियों में से एक तुलसी गैबार्ड ने अपने एक बयान से अपने लाखों भारतीय प्रशंसकों को हैरान और निराश किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गैबार्ड को नेशनल इंटेलीजेंस का डायरेक्टर नॉमिनेट किया है. नेशनल इंटेलिजेंस के तहत ही सीआईए और FBI काम करती है.
गुरुवार को तुलसी गैबार्ड अमेरकी सीनेट के सामने पेश हुईं. अमेरिका में बड़े अधिकारियों की नियुक्ति को सीनेट से परमिशन लेना पड़ता है. राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेट किये गए अधिकारी सीनेट के सामने पेश होते हैं. इस दौरान सीनेट के सदस्य नियुक्त सदस्यों से कड़े और तीखे सवाल करते हैं. नॉमिनेट अधिकारी को अपने जवाब से सीनेट के सदस्यों को संतुष्ट करना पड़ता है. इसके बाद ही सीनेट इन नियुक्तियों पर मुहर लगाती है. ये चेक एंड बैलेंस का अनोखा सिस्टम है.
तुलसी गैबार्ड जब सीनेट के सामने पेश हुईं तो उनसे डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों ने तीखे सवाल पूछे. इस दौरान तुलसी गैबार्ड ने कहा कि किसी विदेशी देश द्वारा अमेरिकी नागरिकों की हत्या का निर्देश देना एक गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए.
गैबार्ड से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा की सरकार की ओर से भारत पर लगाए गए आरोपों से जुड़े सवाल भी पूछे गए.
आरोप गंभीर चिंता का विषय
गौरतलब है कि 43 साल की हिन्दू अमेरिकन तुलसी गैबार्ड अमेरिकी राज्य हवाई से डेमोक्रेटिक कांग्रेस की पूर्व सदस्य हैं, जिन्होंने 2020 में अपनी पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए दौड़ लगाई थी, लेकिन 2024 में पार्टी छोड़कर ट्रम्प का समर्थन कर दिया था.
तुलसी गैबार्ड से सीनेट के एक सदस्य ने पूछा कि अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया है कि 'भारत सरकार के एक अधिकारी' ने 2023 के स्प्रिंग में न्यूयॉर्क शहर में एक सिख कार्यकर्ता, जो एक अमेरिकी नागरिक है की हत्या करने का निर्देश दिया था, इस पर आपका क्या कहना है?
सीनेट के सदस्यों ने सवाल को आगे बढ़ाते हुए कहा, "इसके अलावा, कनाडाई अधिकारियों ने भारत सरकार पर जून 2023 में कनाडा में एक कनाडाई नागरिक और सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है. इन आरोपों पर आपके क्या विचार हैं कि भारत सरकार कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है?"
बता दें कि भारत सरकार ने इन दोनों ही आरोपों का खंडन किया है. पहला आरोप आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित कोशिशों से जुड़ा है. भारत सरकार ने इसके संगठन को प्रतिबंधित किया है. दूसरा केस कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है.
सीनेट के इन सवालों पर तुलसी गैबार्ड ने भारत के स्टैंड से थोड़ा हटकर जवाब दिया. उन्होंने सीनेट की 'सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस' को अपने लिखित जवाब में कहा, "भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा साझेदार है. किसी भी विदेशी देश द्वारा अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ, खास तौर पर अमेरिकी धरती पर, हत्याओं का निर्देश देने के विश्वसनीय आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं और इनकी जांच होनी चाहिए."
तुलसी यही नहीं रुकीं. उन्होंने आगे कहा, "इस जांच के परिणाम और खुफिया जानकारी राष्ट्रपति और नीति निर्माताओं को दी जानी चाहिए ताकि वे कथित घटना के संबंध में और द्विपक्षीय संबंधों पर इसके असर को देखते हुए सर्वोत्तम निर्णय ले सकें."
भारत ने खारिज किए हैं आरोप
अमेरिकी सरकार के सभी आरोपों का भारत ने खंडन किया है और इसे निराधार और अनुचित बताया है. लेकिन तुलसी गैबार्ड ने अपने जवाब में इसका जिक्र नहीं किया है.
भारत ने इन आरोपों को गंभीरता को लेते हुए भारत ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. इस मामले में अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आरोपी व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.
न पुतिन की कठपुतली, न ही मोदी की कठपुतली-तुलसी
इस सेशन के दौरान तुलसी गैबार्ड ने अपने स्वतंत्र व्यक्तित्व बनाने पर जोर दिया. तुलसी ने इस बात को सिरे से खारिज किया कि वह किसी की कठपुतली हैं.
"Those that oppose my nomination -- are accusing me of being Trump’s puppet, Putin’s puppet, Assad’s puppet, a guru’s puppet, Modi’s puppet -- what truly unsettles them is I refuse to be THEIR puppet." -Tulsi Gabbard pic.twitter.com/pEYofy9n0i
— Libs of TikTok (@libsoftiktok) January 30, 2025
तुलसी ने ड्रेमोक्रेट सांसदों पर बरसते हुए कहा, "डेमोक्रेट्स ने मुझ पर ट्रम्प की कठपुतली, पुतिन की कठपुतली, असद की कठपुतली और मोदी की कठपुतली होने का आरोप लगाया है, लेकिन जो बात उन्हें वास्तव में परेशान करती है वह यह है कि मैं उनकी कठपुतली बनने से इनकार करती हूं."
हिन्दुत्व की उपासक लेकिन भारत से कनेक्शन नहीं
बता दें कि तुलसी गैबार्ड हिन्दू धर्म को मानती हैं. लेकिन उनका भारत से कोई रिश्ता नहीं है. तुलसी ने अपने भारतीय मूल से जुड़े होने के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि वे भारतीय मूल की नहीं हैं.
तुलसी गबार्ड की मां, कैरोल पोर्टर गबार्ड, एक बहुसांस्कृतिक परिवार में पली-बढ़ी थीं. समय के साथ उनकी हिंदू धर्म में रुचि विकसित हुई. उनके सभी बच्चों के हिंदू नाम हैं - भक्ति, जय, आर्यन, तुलसी और वृंदावन.अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का नेतृत्व करने वाली पहली हिंदू बनने के बाद उनके हरे कृष्ण का जाप करते हुए कई वीडियो सामने आए हैं.