तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप को 10 दिन बीत चुके हैं. अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की लाशें बरामद की जा चुकी हैं. पूरे देश के लोग गमगीन हैं. लाशों का ढेर लगा हुआ है. लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तुर्की में तबाही के बीच अब भी करिश्माई घटनाएं हो रही हैं. 10 दिन बाद भी मलबे से लोगों के जिंदा निकलने का क्रम जारी है.
ऐसी ही एक घटना दक्षिणी तुर्की के कहारनमारस शहर से सामने आई. यहां 17 साल की एक लड़की एलीना ओल्मेज भूकंप के 10 दिन बाद मलबा हटाने पर जिंदा मिली. एलीना के चाचा ने उसे गले लगाते हुए कहा कि हम उसे बचाने वाले रेस्क्यू दल के लोगों को कभी नहीं भूलेंगे. रेस्क्यू में शामिल टीम के लोग भी लड़की को देखकर चौंक गए, क्योंकि वह भीषण ठंड के बावजूद मलबे में 10 दिनों तक दबी रही और मलबा हटाने पर उन्हें जिंदा मिली.
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल दल के लोगों ने तुर्की के मीडिया को बताया कि एलीना को भूकंप में ढह चुके एक अपार्टमेंट के ब्लॉक से निकाला गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल कर्मचारी अली अकडोगन ने एजेंसी को बताया कि एलीना को जब बचाया गया तो उसने एक बार आंख खोली और फिर बंद कर ली. अली ने आगे कहा कि हम पिछले एक हफ्ते से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं. जब भी हमें कोई जीवित शख्स या जानवर तक मिलता है तो हम खुश हो जाते हैं.
बता दें कि तुर्की में भूकंप के झटके 6 फरवरी को महसूस किए गए थे. पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा.
भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था.