तुर्की और सीरिया में बीती छह फरवरी को आए भूकंप में अबतक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की की मदद के लिए भारत ने ऑपरेशन दोस्त शुरू किया है. मलबे के ढेर से जिंदगियों को बचाने के लिए भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें मोर्चा संभाले हुए हैं. इस बीच प्रभावितों का इलाज कर रहीं एक महिला डॉक्टर बीना तिवारी की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें एक स्थानीय बुजुर्ग महिला उन्हें गले लगाए हुए है.
तुर्की में राहत और बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना की महिला अधिकारी मेजर बीना तिवारी की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला रेस्क्यू के बाद उन्हें गले लगाए हुए थी. वह 14 डॉक्टरों और 86 पैरा मेडिक्स वाली भारतीय सेना की मेडिकल टीम में एकमात्र महिला अधिकारी हैं. तुर्की में भारतीय सेना के अस्पताल शुरू होने के 24 घंटे के भीतर स्थानीय बच्चों और बुजुर्गों के बीच वह बेहद लोकप्रिय हो गई हैं. अस्पताल में इलाज के लिए स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. हमने इलाज और रसद चुनौती पर मेजर तिवारी और दो अन्य सैन्य अधिकारियों से बात की है.
कौन हैं मेजर डॉ. बीना तिवारी?
डॉ. बीना तिवारी (28) देहरादून की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली के आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से ग्रैजुएशन किया है. वह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो देश की सेवा कर रही हैं. बीना तिवारी के दादा सेना में सूबेदार थे, जबकि पिता 16 कुमाऊं इंफेंट्री में थे. मेजर डॉ. बीना तिवारी वर्तमान में कर्नल यदुवीर सिंह की कमांड में 60 पैरा फील्ड अस्पताल में एकमात्र महिला अधिकारी के रूप में तैनात हैं. यहां से पहले वह असम में तैनात थीं. उनके पति देश में ही मेडिकल ऑफिसर हैं.
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बने वॉलंटियर
इस्तांबुल विश्वविद्यालय के एक लेक्चरर फुरकान और उनकी पत्नी सहायक प्रोफेसर मल्लिका तुर्की में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में स्थानीय आबादी के साथ बातचीत करने के लिए डॉक्टरों की सहायता के लिए ट्रांसलेटर के रूप में स्वयंसेवक हैं. ये दंपति अदाना से इस्तांबुल लौट रहा था जब भारतीय चिकित्सा दल उतरा. वो इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने वापस रहने और मदद करने का फैसला किया.
अमेरिका और वर्ल्ड बैंक ने किया मदद का ऐलान
भूकंप प्रभावित लोगों को लेकर इस बात की आशंका भी है कि अगर मलबे में कुछ लोग जिंदा बचे होंगे तो इन चार दिनों में भूख, प्यास और ठंड की वजह से उनकी मौत हो सकती है. इस बीच वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है. वहीं अमेरिका ने भूकंप से प्रभावित तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है.
6 फरवरी को तुर्की में 5 बार आया था भूकंप
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले कि लोग संभल पाते कुछ देर बाद ही 6.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया.