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तबाही@7.8, वक्त 4.17 AM: तुर्की का वो जलजला जिसने सबकुछ तहस-नहस कर दिया

तुर्की में सोमवार सुबह आए भीषण भूकंप ने काफी तबाही मचाई है. राष्ट्रपति अर्दोगन ने इसे सदी की सबसे भयावह आपदा बताया है. तुर्की में सोमवार को एक के बाद एक पांच भूकंप और तकरीबन 11 आफ्टरशॉक आए, जिनसे लोगों में दहशत फैल गई. गगनचुंबी इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं. तुर्की और सीरिया में अब तक 2600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

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तुर्की में तबाही का मंजर (Photo- PTI)
तुर्की में तबाही का मंजर (Photo- PTI)

छह फरवरी, तुर्की की घड़ी में सुबह चार बजकर 17 मिनट बजे थे. गहरी नींद में सोए लोगों को अंदाजा नहीं था कि एक भयानक जलजला उनकी जिंदगी स्वाहा कर देगा. रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के भूकंप ने सोते लोगों को नींद से उठा दिया. लोग इससे पहले कि कुछ समझ पाते, कई इमारतें जमींदोज हो गईं, जिंदगियां मलबे में दफ्न होने लगीं.

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भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप रहा. लोगों के संभलने से पहले चंद मिनटों बाद गाजियांटेप में ही रिक्टर स्केल पर 6.4 तीव्रता का एक और झटका खौफ पैदा कर गया. दुर्भाग्य से यह जलजला यहीं थमने वाला नहीं था. 6.5 तीव्रता के एक और झटके ने लोगों की सांसें थाम दीं. ये शुरुआती झटके मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही का मंजर छोड़ गए.

राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने इसे सदी की सबसे भयावह आपदा बताया और प्रभावितों के जल्द ठीक होने की कामना की. उन्होंने बताया कि भूकंप के शुरुआती झटकों में ही लगभग 3,000 इमारतें नष्ट हो गईं.

मलबे में दबे लोगों की चीख-पुकार

तुर्की के सबसे बड़े शहरों में से एक दियारबाकिर में जगह-जगह मलबे का ढेर था. कई रिपोर्ट्स में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया गया कि मलबों में दबे लोग मदद के लिए चीख-पुकार रहे थे. बेहद कड़ी ठंड और बर्फबारी ने राहत एवं बचाव अभियान में खलल डालना शुरू किया. राष्ट्रपति के निर्देश पर सैन्य स्तर पर शुरू किए गए राहत एवं बचाव कार्य में बचावकर्मियों ने भारी उपकरणों की मदद से मलबा हटाकर लोगों को बाहर निकालना शुरू किया.

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समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ जगहों पर बचावकर्मियों को हाथों से भी मलबा हटाकर लोगों की मदद करते देखा गया. तुर्की के Kahramanmaras शहर की एक रिपोर्टर मेलिसा सलमान ने बताया कि मैं भूकंप प्रभावित क्षेत्र में ही हूं. भूकंप के झटके इतने जबरदस्त थे कि मैं इससे दहल गई. मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार इस तरह का भयावह अनुभव किया.

शाम चार बजे के भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही

तुर्की में जोर-शोर से हो रहा राहत एवं बचाव कार्य बर्फबारी की वजह से बीच-बीच में बाधित होता रहा. इस कहर से देश के तीन बड़े हवाईअड्डों पर यातायात ठहर गया. दुनियाभर के देशों ने तुर्की की ओर मदद का हाथ बढ़ाया. लेकिन इन सभी घटनाक्रमों के बीच शाम लगभग चार बजे एक और भूकंप ने तबाही मचा दी. कहा जा रहा है कि तुर्की में सबसे ज्यादा नुकसान इसी भूकंप के झटके ने किया. 

रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के समानडाग में हर तीसरा घर जमींदोज होने की खबर है. तुर्की में वे इमारतें भी पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, जहां बड़ी तादाद में शरणार्थी बसे हुए थे. 

शाम 5.30 बजे पांचवें भूकंप ने फिर दहलाया

तुर्की में शाम 5.30 बजे पांचवे भूकंप से खौफ और बढ़ा. यह बीते 24 घंटों में भूकंप का पांचवा झटका था. देश में लगातार आ रहे इन झटकों से बचाव अभियान प्रभावित हुआ. इस भीषण भूकंप में तुर्की का एक अस्पताल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, लेकिन इस दौरान बचावकर्मी नवजात सहित कई लोगों को बचाने में सफल रहे. तुर्की के एक शहर अडाना में एक शख्स ने बताया कि उनके घर के पास की इमारत एक झटके में जमींदोज हो गई. यहां पत्रकारिता के छात्र मुहम्मेत फतिह यावुस ने बताया कि उसे मलबे के ढेर से एक शख्स की आवाज सुनाई दी, जो मदद की गुहार लगा रहा था. तुर्की के दियारबाकिर में जगह-जगह क्रेनें देखी जा सकती हैं. यहां बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है.

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तुर्की में 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की हुई थी मौत

तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. यहां 1999 में आए भूकंप में 18,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

बता दें कि सीमावर्ती सीरिया में भी भूकंप ने तबाही मचाई, जिसकी खौफनाक तस्वीरें सामने आईं. तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 2600 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि 10,000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. 

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