तालिबान भले ही इस्लाम का हवाला देकर लड़कियों की विश्वविद्यालय और प्राथमिक शिक्षा पर रोक लगा रहा है, लेकिन कई मुस्लिम संगठन और मुस्लिम देश उसके इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि तालिबान का लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने से रोकने का आदेश गैर-इस्लामिक है. बुधवार को उन्होंने अपने एक टेलिविजन भाषण में कहा कि तालिबान जब तक लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं देता, वो इस मुद्दे पर नजर बनाए रखेंगे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एर्दोगन ने कहा, 'यह अमानवीय और गैर-इस्लामिक है. हमारे धर्म में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है. किसी भी प्रतिबंध को इस्लाम के आधार पर इस तरह परिभाषित नहीं करना चाहिए. इस्लाम ऐसी किसी बात को स्वीकार नहीं करता. इसके विपरीत, हम एक ऐसे धर्म को मानने वाले हैं जो कहता है कि हमें पालने से लेकर कब्र तक ज्ञान की तलाश करनी चाहिए.'
तालिबान ने पिछले साल दिसंबर के आखिरी दिनों में महिलाओं की विश्वविद्यालय शिक्षा पर रोक लगा दी थी. अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. देश में महज कुछ ही गर्ल्स स्कूल काम कर रहे हैं.
तालिबान के इस फैसले की आलोचना मुस्लिम देशों सहित इस्लामिक संगठनों ने की है लेकिन तालिबान का कहना है कि इस्लाम में महिलाओं के लिए शिक्षा और काम को प्रतिबंधित करना जायज है और उसके इस फैसले को कई देशों के मुस्लिम विद्वानों का समर्थन हासिल है.
बुधवार को अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के मुद्दे को लेकर तुर्की ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की एक बैठक भी बुलाई थी. 57 देशों के इस संगठन ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई. संगठन ने तालिबान से महिलाओं की शिक्षा पर रोक के फैसले की समीक्षा करने का आह्वान किया. तालिबान ने महिलाओं के शैक्षणिक और गैर सरकारी संस्थानों में काम करने पर भी रोक लगा दी है. इस रोक की भी समीक्षा का आग्रह किया गया.
ओआईसी ने इंटरनेशनल इस्लामिक फिक्ह अकादमी (IIFA) के नेतृत्व में एक धार्मिक प्रतिनिधिमंडल को अफगानिस्तान भेजने का भी फैसला किया. ताकि लड़कियों की शिक्षा के सभी स्तरों तक पहुंच पर जोर दिया जा सके जो कि इस्लाम में एक मौलिक अधिकार बताया गया है.
एर्दोगन ने कहा है कि वो तुर्की के विदेश मंत्रालय के साथ-साथ खुद भी अफगानिस्तान में महिला शिक्षा की स्थिति पर निजी तौर पर नजर रखेंगे.
अफगानिस्तान में शिक्षा देते हैं तुर्की के कई स्कूल
तुर्की मारिफ फाउंडेशन के जरिए अफगानिस्तान में 80 स्कूल चलाता है. तालिबान ने पिछले महीने तुर्की के 14 गर्ल्स स्कूलों को बंद कर दिया था. तुर्की के अधिकारियों ने बड़ी कोशिशों के बाद लड़कियों के लिए कुछ प्राथमिक स्कूलों को खुलवाया.
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद सभी नाटो देशों ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया लेकिन तुर्की का दूतावास अब भी वहां काम कर रहा है.
तालिबान ने कुछ समय पहले उच्च शिक्षा के लिए कतर जा रही कुछ लड़कियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी. वहीं, दूसरी तरफ इसी तालिबान के नेता अपने लड़कियों को पढ़ाई के लिए विदेश भेज रहे हैं.
तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि वो वादा करता है कि महिलाओं को पढ़ने और काम करने की इजाजत देगा. तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था, 'हम महिलाओं को पढ़ने और काम करने की इजाजत देने जा रहे हैं. महिलाओं का एक सक्रिय योगदान रहेगा लेकिन इस्लाम के दायरे में रहकर.' लेकिन तालिबान जल्द ही अपनी इन सभी वादों से मुकरता गया.