आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के ख़िलाफ़ हवाई हमले में अब तुर्की भी शामिल हो रहा है. अमेरिका और तुर्की के बीच इस संबंध में समझौता हुआ है.
अमेरिकी अधिकारियों ने आईएस के ख़िलाफ़ अभियान में इस समझौते को एक अहम क़दम बताया है. अमेरिकी विमान पहले से ही अपने अभियान में तुर्की के दो हवाई ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हवाई हमले किए
इससे पहले भी तुर्की ने आईएस के ख़िलाफ़ कुछ हवाई हमले किए हैं, लेकिन अब यह आईएस के ख़िलाफ़ व्यापक अभियान की रणनीति में पूरी तरह शामिल हो रहा है.
पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने कहा कि इस समझौते को व्यावहारिक रूप देने में कुछ और दिन लगेंगे. उन्होंने कहा कि तुर्की के साथ सहयोग और सहयोग के विस्तार पर बातचीत आगे भी जारी रहेगी. पीटर कुक ने कहा कि सीमा से जुड़े मुद्दों पर तुर्की के साथ बातचीत जारी है.
पिछले माह शुरू हुई थी कार्रवाई
वर्ष 2013 में इराक और सीरिया में आईएस के बढ़ते प्रभाव के बाद पिछले महीने पहली बार तुर्की ने आईएस के ख़िलाफ़ हवाई हमला किया था. इसके पहले तुर्की सैनिक कार्रवाई को लेकर हिचक रहा था. लेकिन तुर्की में हुए कई हमलों के बाद उसके रुख़ में बदलाव आया. इन हमलों के लिए आईएस को ज़िम्मेदार बताया गया.
पीकेके संगठन पर निशाना
हालांकि, तुर्की आईएस के साथ-साथ उत्तरी इराक़ में सक्रिय कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के चरमपंथियों को निशाना बना रहा है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि आईएस से ज़्यादा पीकेके के लड़ाके निशाने पर रहे हैं.