scorecardresearch
 

Wheat Crisis: तुर्की ने लौटाया! भारत के गेहूं के लिए अभी भी कतार में खड़े इतने देश!

रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में गेहूं का संकट बना हुआ है. भारत ने 13 मई को ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद कई देशों ने भारत से गेहूं खरीदने की गुहार लगाई है.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (photo: reuters)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (photo: reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया था
  • तुर्की ने भारत का गेहूं लौटा दिया था
  • भारत के गेहूं में रुबेला वायरस होने की शिकायत की थी

गेहूं निर्यात पर बैन लगाने के बाद से करीब 5-6 देश भारत के दरवाजे पर खड़े हैं. ये देश भारत से गेहूं खरीदने की गुहार लगा रहे हैं.

Advertisement

खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने एक समिति बनाई है, जो यह फैसला करेगी कि किन देशों को गेहूं बेचा जाए.

हालांकि, उन्होंने इन देशों के नाम का खुलासा नहीं किया है.

यह खबर ऐसे समय में आई है, जब तुर्की रुबेला वायरस का हवाला देकर भारत का गेहूं ठुकरा चुका है.

पांडेय ने कहा कि भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था. इसके बाद से घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है.

रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से विदेशों में भारत के गेहूं की मांग बढ़ गई है. मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने लगभग 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं के निर्यात का अनुमान जताया. इसमें से 14.63 लाख मीट्रिक टन गेहूं अकेले अप्रैल 2022 में ही निर्यात किया गया.

Advertisement

इसी महीने भारत ने 95,167 मीट्रिक टन आटा भी निर्यात किया था. 

वहीं, अप्रैल 2021 में भारत ने 2.43 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया था. 

हालांकि, भारत में गेहूं का उत्पादन पहले के अनुमान की तुलना में कम रह सकता है. फरवरी 2022 में सरकार ने 11.1 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया था. हालांकि, मार्च के आखिरी में लू के थपेड़ों ने फसल पर असर डाला. 

तुर्की ने क्वालिटी का हवाला देकर भारत का गेहूं लेने से इनकार कर दिया था. यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.

इस बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा कि इस मामले पर सरकार ने तुर्की प्रशासन से जवाब मांगा है. 

खाद्य मंत्रालय ने जारी बयान में कहा है, समय पर केंद्र सरकार के फैसले लेने के बाद गेहूं और चीनी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. 

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से खाद्य तेल की कीमतें भी नियंत्रित हुई हैं. 

बयान में कहा गया, पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के सरकार के फैसले से भी सभी कमोडिटी की कीमतें कम हुई है.

बता दें कि तुर्की से रिजेक्ट हुए गेहूं को अब मिस्र भेज दिया गया है. 

Advertisement
Advertisement